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IRCTC Scam: लालू यादव की फिर बढ़ी मुश्किलें, CBI ने खोल दी पुरानी फाइल

सिंगापुर में अपना इलाज करवा रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ते नजर आ रही है. सीबीआई ने उस केस को फिर से खोल दिया है जिसे 2021 में बंद कर दिया गया था. ये मामला रेलवे प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है.

Updated on: 26 Dec 2022, 07:25 PM

highlights

  • CBI ने लालू यादव के खिलाफ पुराने केस को खोल दिया 
  • मई 2021 में केस को बंद कर दिया गया था 
  • रेलवे प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है मामला

 

Patna:

सिंगापुर में अपना इलाज करवा रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ते नजर आ रही है.  सीबीआई ने उस केस को फिर से खोल दिया है जिसे 2021 में बंद कर दिया गया था. ये मामला रेलवे प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. सीबीआई ने इस मामले की जांच 2018 में शुरू की थी और मई 2021 में इसे बंद कर दिया गया था लेकिन अब एक बार फिर नए सिरे से लालू के खिलाफ केस खोल दिया गया है. हालांकि, ये आशंका पहले से ही थी कि बीजेपी की सत्ता बिहार से गई है तो लालू यादव के पुराने केस को दुबारा खोला जा सकता है. 

सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट की सर्जरी करवाने वाले लालू यादव के साथ-साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और बेटी रागिनी यादव, चंदा यादव को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था. लेकिन सीबीआई ने इस मामले में एक बार फिर से जांच को आगे बढ़ाने का फैसला ले लिया है. बिहार में एनडीए गठबंधन से नीतीश कुमार के अलग हो जाने के बाद से ही यह कयास पहले से ही लगाया जा रहा था कि उनके खिलाफ पुराना मामला सीबीआई फिर से खोल सकती है और अब एक बार फिर लालू यादव के खिलाफ सीबीआई ने इस पुराने केस की फाइल खोल दी है. 

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आपको बता दें कि, ये मामला लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के अलग-अलग प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. आरजेडी सुप्रीमो पर आरोप है कि उन्होंने डीएलएफ ग्रुप की तरफ से साउथ दिल्ली में एक प्रॉपर्टी रिश्वत के तौर पर ली थी. लालू यादव को यह प्रॉपर्टी मुंबई के बांद्रा में रेल लेंडलीज प्रोजेक्ट और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के डेवलपमेंट के तौर पर किए जा रहे प्रोजेक्ट से जोड़ते हुए केंद्र सरकार के तरफ से दिया गया था लेकिन इस प्रॉपर्टी को डीएलएफ की तरफ से फंड की गई सेल कंपनी ने मार्केट रेट से काफी कम कीमत पर खरीदा था और सेल कंपनी पर तेजस्वी यादव की ओर से खरीदे जाने का आरोप है.