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Bihar elections Photograph: (social media)
Rohini Acharya: यह बात 2022 की है, जब लालू प्रसाद यादव की तबीयत काफी बिगड़ गई थी. वे आईसीयू में जिंदगी और मौत से लड़ रहे थे. दरअसल, उस समय उनकी दोनों किडनी फेल हो गई थीं. ऐसे में किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ी. उस समय लालू की दूसरे नंबर की बेटी रोहिणी आचार्य सामने आईं और उन्होंने किडनी दान देने की बात कही. सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट हुई. इस तरह से लालू यादव की जान बच पाई. ट्रांसप्लांट के बाद लालू यादव की सेहत में सुधार हुआ था. आज वही बेटी परिवार से अलग हो चुकी हैं. रोहिणी आचार्य ने अपनी पार्टी का भी त्याग करने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि यह फैसला उन्होंने संजय यादव के दबाव में आकर लिया है.
रोहिणी यादव के नाम आचार्य कैसे लगा?
उनका नाम रोहिणी इसलिए पड़ा क्योंकि हिंदू पंचांग के अनुसार, उनका जन्म ‘रोहिणी नक्षत्र’ में हुआ था. उनका उपनाम पटना की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से किया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. कमला आचार्य ने ही रोहिणी का जन्म कराया था, लेकिन लालू यादव से किसी तरह की फीस लेने से मना ​कर दिया था. लालू यादव के बार-बार आग्रह करने पर भी डॉक्टर ने फीस नहीं ली. डॉक्टर ने कहा कि मुझे फीस मत दीजिए, नवजात को मेरा नाम दे दीजिए. इस पर लालू मान गए. नवजात का नाम रोहिणी आचार्य रखा.
2002 में समरेश सिंह से विवाह कर लिया
आपको बता दें कि शनिवार को रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, 'मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ दिया है. संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था. मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं. रोहिणी ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है. इसके बाद 2002 में समरेश सिंह से विवाह कर लिया. समरेश सिंह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. पहले दोनों अमेरिका में रह रहे थे. अब सिंगापुर में अपने दो बच्चों के साथ रहते हैं.
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