लालू प्रसाद यादव फिर से RJD के अध्यक्ष चुने गए, 11वीं बार संभालेंगे पार्टी की कमान

राजनीति में अपने मनोरंजक और चुटीले बयानों के साथ राजनीति की अलग लकीर खींचने वाले लालू प्रसाद यादव एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की कमान संभालेंगे.

राजनीति में अपने मनोरंजक और चुटीले बयानों के साथ राजनीति की अलग लकीर खींचने वाले लालू प्रसाद यादव एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की कमान संभालेंगे.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
लालू प्रसाद यादव फिर से RJD के अध्यक्ष चुने गए, 11वीं बार संभालेंगे पार्टी की कमान

लालू प्रसाद यादव( Photo Credit : फाइल फोटो)

राजनीति में अपने मनोरंजक और चुटीले बयानों के साथ राजनीति की अलग लकीर खींचने वाले लालू प्रसाद यादव एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की कमान संभालेंगे. लालू यादव को राजद का निर्विरोध प्रमुख चुना गया है. मंगलवार को लालू यादव का राजद कार्यालय में चार सेट में नामांकन दाखिल किया गया. उनके खिलाफ कोई और उम्मीदवार पार्टी की जिम्मेदारी संभालने के लिए आगे नहीं आया. जिसके बाद लालू यादव को फिर से राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है. 

Advertisment

यह भी पढ़ेंः पर्यावरण जागरूकता के लिए ग्राम पंचायतों में होंगे 'पर्यावरण प्रहरी'

पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव 11वीं बार राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष चुने गए हैं. इससे पहले भी लालू को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर निर्विरोध ही चुना जाता रहा है. इस बार भी लालू के सामने किसी अन्य दावेदार ने पर्चा नहीं भरा. हालांकि इससे पहले चर्चाएं थी कि उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, लेकिन अब लालू यादव के हाथ में फिर से पार्टी की कमान सौंपे जाने के बाद सभी अटकलों पर पूर्ण विराम लग गया है.

लालू यादव ने साल 1997 में जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया. इससे पहले बिहार में जब जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में छात्रों का आंदोलन हो रहा था, तो इसमें लालू ने सक्रिय छात्र नेता के तौर पर भाग लिया और यहीं से उन्होंने राजनीति का आगाज किया. इस आंदोलन के बाद हुए 1977 में चुनाव में लालू ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. यहीं से राजनीति में लालू का कद बड़ा होने लगा और वह साल 1990 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.

यह भी पढ़ेंः पटना मेट्रो के लिए जापान की जाइका से मिलेगा 5400 करोड़ रुपये का कर्ज

इस बीच उन्हें बड़ा झटका लगा. चर्चित चारा घोटाले में उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया और 2013 में लालू को जेल भेज दिया गया. गिरफ्तारी तय हो जाने के बाद लालू को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. वो यूपीए सरकार में रेल मंत्री भी रह चुके हैं. लेकिन लालू अब बिहार से करीब 350 दूर झारखंड की राजधानी रांची में हैं और वहां चारा घोटाले के 4 मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद वो 14 साल की जेल की सजा काट रहे हैं.

यह वीडियो देखेंः 

Lalu Yadav Bihar RJD Tejashwi yadav
Advertisment