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जानिए: CM नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच क्यों पड़ी दरार?

बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपनी ही पार्टी के बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा का नाम नहीं सुनना चाह रहे हैं.

Updated on: 25 Jan 2023, 07:51 PM

highlights

  • अब जेडीयू में अपने हिस्से की बात कह रहे उपेंद्र कुशवाहा
  • जेडीयू के कमजोर होने का भी कुशवाहा ने किया दावा
  • उपेंद्र कुशवाहा से सीएम नीतीश की नाराजगी बढ़ी

Patna:

बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपनी ही पार्टी के बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा का नाम नहीं सुनना चाह रहे हैं. बिहार के सियासी गलियारों में गर्माहट है. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि सीएम नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच इतनी दूरी अचानक से आ क्यों गई? दरअसल, बीते गुरुवार को उपेंद्र कुशवाहा अचानक दिल्ली पहुंच गए और रूटीन चेकअप के लिए एम्स में भर्ती होने बात भी खुद दी. शुक्रवार को बीजेपी नेताओं ने दिल्ली में उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की. उपेंद्र कुशवाहा से बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल, संजय टाईगर और बीजेपी नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य योगेन्द्र पासवान ने भी मुलाकात की थी. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि एनडीए में उनकी वापसी हो सकती है. अब इसी को लेकर घमासान मचा हुआ है.

मुझे दरकिनार करना सीएम को कमजोर करना- उपेंद्र

कुशवाहा ने कहा कि डील की बात हो रही है. राजद के लोग सीधे नीतीश कुमार को खारिज कर रहे हैं. हटाना चाह रहे हैं. गठबंधन बनाते वक्त क्या डील हुआ ये जानना चाहता हूं. उपेंद्र कुशवाहा को दरकिनार करने का मतलब नीतीश कुमार को कमजोर करना है. नीतीश कुमार को कमजोर किया जा रहा है. ये ठीक बात नहीं है. पार्टी की ओर से कल भी एक कार्यक्रम हुआ और आज भी कार्यक्रम है मगर उपेंद्र कुशवाहा को दरकिनार किया गया. ये साजिश है. नीतिश कुमार साजिश समझिए. जरूरत है तो मुझे बुलाकर बात कर लीजिए. 

ये भी पढ़ें-CM नीतीश पर उपेंद्र कुशवाहा का पलटवार: ऐसे कैसे JDU से अपना हिस्सा छोड़कर चला जाऊं?

सीएम नीतीश ने ने क्या कहा?

बिहार के सीएम नीतीश कुमार का अपनी पार्टी जेडीयू में जारी उठा-पठक के बीच बड़ा बयान दिया है. जननायक कर्पूरी ठाकुर की 99वीं जयंती के अवसर पर मंच से लोगों को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि कोई आ जाता है, तो कोई चला जाता है. मैं जिसे भी आगे बढ़ाता हूं वह भाग जाता है. कोई भागने की कोशिश करता है. इसलिए जिसके मन में जो आए वो करे. ऐसा करने से पार्टी को थोड़े ना कुछ होना है. जेडीयू में सब मिलकर काम करते हैं. जेडीयू में कोई भी दाएं-बाएं नहीं करता.

सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा कि जिसको बढ़ाते हैं वही भाग जाता है. कोई सिर्फ मेरे खिलाफ बोलता है. उन्होंने कहा कि जब जेडीयू द्वारा सदस्यता अभियान चलाया गया था तो 75 लाख लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. कुछ लोग हमलोगों के खिलाफ बोलता है. कोई पार्टी में आ जाता है और फिर चला भी जाता है. किसी को आगे बढ़ा देते है तो वो भाग जाता है. या भागने की कोशिश करता है. सीएम नीतीश ने कहा कि पार्टी में सभी लोग मिलकर काम करते है. दाएं-बाएं नहीं करते हैं. मेरा अपना कोई स्वार्थ नहीं है. मैं स्वार्थी नहीं हूं.

सीएम के निशाने पर थे उमेश कुशवाहा और आरसीपी सिंह

दरअसल, सीएम नीतीश कुमार के निशाने पर उपेंद्र कुशवाहा और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह थे. उन्होंने आगे कहा कि मेरी सिर्फ एक ही इच्छा है कि बिहार आगे बढ़े और जननायक कर्पूरी ठाकुर के सपने को हम साकार करे. उन्होंने आगे कहा कि सब आगे बढ़े राष्ट्रपति महात्मा गांधी के एक एक कथनों को याद रखे. सभी मिलजुल कर काम कीजिये ये हम सब की उम्मीद है. 

सीएम नीतीश को उपेंद्र कुशवाहा का जवाब

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जेडीयू में मचे खलबली के बीच उपेंद्र कुशवाहा का नाम लिए बिना ये कह दिया है कि जिसे जहां जाना है वह अभी चला जाए. जेडीयू ना कमजोर थी और ना कमजोर है. अब सीएम नीतीश के बयान पर पलटवार करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि ऐसे कैसे चले जाएं वो भी बिना अपना हिस्सा लिए. उपेंद्र कुशवाहा ने एक समाचार लिंक को कोट करते हुए ट्वीट किया, 'बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने...! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले. ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर....?