Bihar Politics: जानिए सम्राट अशोक जयंती के आयोजन के लिए BJP ने रोहतास को क्यों चुना?

इन दिनों बिहार की सियासत OBC के इर्द गिर्द घूम रही है. आलम ये है कि बिहार में सियासी दल अब सम्राट अशोक को आधार बनाकर अपना वोट बैंक साधने में लगे हैं.

इन दिनों बिहार की सियासत OBC के इर्द गिर्द घूम रही है. आलम ये है कि बिहार में सियासी दल अब सम्राट अशोक को आधार बनाकर अपना वोट बैंक साधने में लगे हैं.

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Jatin Madan
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amit shah

फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

इन दिनों बिहार की सियासत OBC के इर्द गिर्द घूम रही है. आलम ये है कि बिहार में सियासी दल अब सम्राट अशोक को आधार बनाकर अपना वोट बैंक साधने में लगे हैं. फिर चाहे वो बीजेपी हो, JDU हो या कोई और. बात करें बीजेपी की तो रोहतास में बीजेपी सम्राट अशोक की जयंति का भव्य आयोजन करेगी. बिहार में 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से ही सभी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. इस बीच मौर्यवंशी राजा सम्राट अशोक की जयंती के सहारे भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय लोक जनता दल समेत तमाम पार्टियां अपनी-अपनी सियासी जमीन तैयार करने में जुटी है.

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जयंती की आड़ में सियासत को धार

बीजेपी ने 2 अप्रैल को रोहतास के रेलवे मैदान में सम्राट अशोक की भव्य जयंती मनाने का ऐलान किया है. खास बात ये कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. यानी बीजेपी के चुनावी चाणक्या भी सम्राट अशोख की जयंति की आड़ में बीजेपी की सियासत को धार देने की कोशिश करेंगे. इसे विडंबना ही कहेंगे कि एक तरफ तो इतिहासकार सम्राट अशोक की जन्म तिथि को लेकर भी एक मत नहीं है, लेकिन बिहार के सियासतदानों ने सम्राट की जाति भी खोदकर निकाल ली है और जाति के आधार पर अपना वोट बैंक साधने में जुटे हैं. जिसका उदाहरण हर पार्टी की ओर से मनाए जा रहे जयंति कार्यक्रम में देखा जा रहा है. 

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OBC वोट बैंक साधने में जुटे सियासदान

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बीजेपी ने कार्यक्रम के लिए रोहतास को क्यों चुना? दरअसल पूरे बिहार में रोहतास में ही एकमात्र सम्राट अशोक का शिलालेख स्थापित है, लेकिन कुछ साल पहले शिलालेख पर मुस्लिम समुदाय और मजार कमेटी की ओर से अतिक्रमण हुआ था. सम्राट चौधरी की अगुवाई में इसका बीजेपी ने पुरजोर विरोध किया था. विरोध के बाद शिलालेख को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया. जिसके बाद बीजेपी इसका श्रेय लेने में जुटी है और इसी के आधार पर बिहार में हिंदू खासकर अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है.

बिहार के जाने-माने लेखक और चिंतक मिथिलेश कुमार सिंह का कहना है कि जब ऐतिहासिक संवेदनशीलता और विरासत की बात आती है तो वहां धर्म या जाति के आधार पर इन चीजों को नहीं देखना चाहिए. उन्होंने साथ ही कहा कि पूरा बिहार ऐसे ऐतिहासिक विरासतों से भरा पड़ा है. अगर इन्हें संरक्षित किया जाए तो प्रदेश के टूरिज्म के हिसाब से ये बेहद अहम होगा. वहीं, हाईकोर्ट के अधिवक्ता रवि कुमार सिंह ने शिलालेख पर अतिक्रमण किए जाने को लेकर शासन-प्रशासन पर सवाल खड़े किए.

रिपोर्ट : मिथिलेश

HIGHLIGHTS

  • सम्राट अशोक बहाना... OBC निशाना!
  • जयंती की आड़ में सियासत को धार
  • OBC वोट बैंक साधने में जुटे सियासदान
  • रोहतास में अशोक जयंती... बीजेपी का फरमान
  • क्या है सम्राट अशोक का रोहतास से नाता?

Source : News State Bihar Jharkhand

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