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Chhath 2022: जानिए क्या है बड़गांव सूर्य मंदिर की पूरी कहानी, छठ व्रत करने पहुंचते हैं श्रद्धालु

नालंदा के बड़गांव में बना सूर्य मंदिर ना सिर्फ बिहार में बल्कि पूरे देश में विख्यात है.

Updated on: 28 Oct 2022, 03:32 PM

highlights

.द्वापर युग से जुड़ा है बड़गांव सूर्य तालाब का इतिहास
.देश के कोने-कोने से आते हैं श्रद्धालु
.12 वर्षों में 12 जगहों पर सूर्य धाम की स्थापना

Nalanda:

नालंदा के बड़गांव में बना सूर्य मंदिर ना सिर्फ बिहार में बल्कि पूरे देश में विख्यात है. यहां छठ महापर्व के मौके पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं और चार दिनों का प्रवास कर छठ व्रत करते हैं. बड़गांव का सूर्य मंदिर द्वापर युग में भगवान कृष्ण के पुत्र राजा साम्ब ने बनाया था. विदेशों में भी छठ महापर्व को बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. भगवान सूर्य के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, लेकिन नालंदा के बड़गांव में बना सूर्य मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां छठ महापर्व के मौके पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं और चार दिनों तक प्रवास कर छठ व्रत करते हैं. यहां बने सूर्य तालाब के प्रति ऐसी आस्था है कि तालाब में नहाने के बाद भगवान सूर्य की पूजा करने से कुष्ठ रोग समेत कई रोग ठीक हो जाते हैं. ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के साथ-साथ प्रसिद्ध मान्यताओं के कारण यहां छठ व्रत करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण के पुत्र राजा साम्ब से इस सूर्य धाम का इतिहास जुड़ा है. राजा साम्ब को भगवान कृष्ण ने उनके महिला प्रेम के कारण श्राप कुष्ठ रोगी होने का श्राप दिया था और कुष्ठ रोग से राजा साम्ब को तब मुक्ति मिली जब उन्होंने भगवान सूर्य की उपासना की. मान्यता है कि राजा साम्ब ने ही बड़गांव सूर्य तालाब में दो कुण्ड बनवाये थे. जो आज भी जीर्ण-शीर्ण हालत में तालाब में मौजूद है. 

मान्यता है कि राजा साम्ब ने भगवान कृष्ण के आदेशानुसार 12 वर्षों में 12 जगहों पर सूर्य धाम की स्थापना की थी. इनमें लोलार्क, चोलार्क, अलार्क, अंगारक, पून्यार्क, बरारक वर्तमान में बड़गांव, देवार्क, कोणार्क, ललितार्क, यामार्क, खखोलार्क और उतार्क में बने सूर्य धाम शामिल हैं और बरारक यानि बड़गांव में छठ पूजा शुरू हुआ जो आज भी जारी है. राज्य सरकार ने बड़गांव के छठ पूजा को राजकीय मेला का दर्जा दिया है और इसी कारण प्रशासन की ओर से यहां आने वाले श्रद्धालु के लिए हर प्रकार की व्यवस्था कराई जाती है. वहीं, दूसरी तरफ एकगंरसराय के विश्व प्रसिद्ध औंगारी धाम में छठ घाट का निरीक्षण बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के द्वारा छठ घाट का निरीक्षण किया गया. इस बार भी तालाब की सफाई, मंदिर का रंग रोगन और रौशनी की व्यवस्था कराई गई है.

छठ महापर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ हो चुकी है. भारी संख्या में श्रद्धालु छठ घाटों पर पहुंच रहे हैं. बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र समेत देश के लगभग सभी भागों में छठ महापर्व धूम धाम से मनाया जा रहा है.

रिपोर्ट : शिव कुमार