'वसूली भाई' बन चुका है कटिहार का स्वास्थ्य विभाग, नसबंदी के लिए मांगता है रिश्वत!

कटिहार के अहमदाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तमाम सरकार नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

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Shailendra Shukla
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बिना रिश्वत के इस अस्पताल में कोई काम नहीं होता( Photo Credit : सोशल मीडिया)

बिहार में नई सरकार के गठन के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य महकमे की कमान संभाली और शुरूआती दौर में डिप्टी सीएम एक्शन में भी दिखे. लेकिन अब फिर से ढाक के तीन पात देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ तेजस्वी यादव दावा करते हैं कि राज्य के अस्पतालों की हालत बदल गई है लेकिन हकीकत ये है कि बिहार सरकार प्रदेश की गरीब जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए कई दावे करती है वो सच नहीं है. गरीबों को आज भी बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रिश्वत देनी पड़ रही है. आलम ये हो गए हैं नसबंदी के लिए भी रिश्वत देनी पड़ रही है.

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बिहार में नई सरकार के गठन के बाद तेजस्वी यादव ने जब स्वास्थ्य महकमे की कमान संभाली  तो ऐसा लगा मानो अब भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाएगा. खुद डिप्टी सीएम देर रात अस्पतालों का निरीक्षण करते दिखे लेकिन इन सबके बाद भी कटिहार के अहमदाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तमाम सरकार नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. एक तरफ जहां सरकार लगातार आम लोगों से फैमिली प्लानिंग की अपील कर रही है तो वहीं दूसरी ओर यहां बधियाकरण (नसबंदी) कराने आई गरीब महिलाओं से पैसों की अवैध वसूली की जा रही है और अब इसका वीडियो भी सामने आया है. जहां शख्स महिलाओं से पैसे लेते देखा जा सकता है.

रिश्वत लेने का वीडियो हो रहा वायरल

बिहार सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा को लेकर कितने भी दावे क्यों ना कर ले लेकिन धरातल पर उसके ही मुलाजिम सभी योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं.  अमदाबाद प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का ये वीडियो सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है  हालांकि, इस स्वास्थ्य केंद्र में ये पहला मामला नहीं है. ये स्वास्थ्य केंद्र वसूली का अड्डा बन चुका है. चाहे डिलिवरी हो या बधियाकरण सभी में पैसों की मांग की जाती है, जबकि सरकार की ओर से ये तमाम सुविधाएं जनता के लिए फ्री है.

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स्ट्रेचर देने के लिए भी 10 रुपए देनी पड़ती है रिश्वत

ठंड के मौसम बधियाकरण का ऑपरेशन किया जाता है.  ऐसे में मरीजों से दवाई के नाम पर हजार रुपए की वसूली की जाती है. इतना ही नहीं जब पेशेंट को ऑपरेशन रूम से बेड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर दिया जाता है तो उसके लिए भी 10 रुपए की उगाही करते हैं. रात के अंधेरे में अमदाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उगाही का ये गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है, जिसका दंश क्षेत्र की गरीब जनता झेलने को मजबूर है.स्वास्थ्य केंद्र में कई दिनों से अवैध वसूली का खेल चल रहा है. वहीं, इसको लेकर जब न्यूज़ स्टेट की टीम ने प्रभारी डॉ जयकुमार से संपर्क करने की कोशिश की तो पता चला कि वो छुट्टी पर हैं. ऐसे में स्वास्थ्य केंद्र में काम करने वाले डॉक्टर उदय चंद्र प्रसाद से जब इसको लेकर सवाल किया गया, तो वो भी गोल-मोल जवाब देते नजर आए. 

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कई सवाल खड़े हो रहे हैं

डॉक्टर की मानें तो उन्हें अवैध वसूली की खबर ही नहीं है. अब ये तो हैरान करने वाली बात है कि जिस अस्पताल में अवैध वसूली हो रही हो वहां के डॉक्टरों को ही इसकी जानकारी ना हो. सवाल तो स्वास्थ्य विभाग पर भी खड़े होते हैं कि आखिर कैसे मरीजों से अवैध वसूली का खेल इतने दिनों से प्रशासन की नाक के नीचे से चल रहा है और पदाधिकारी इससे अनजान है. सवाल ये भी है कि क्या ये खेल मिलीभगत से चल रहा है? सवाल कई हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी जवाब कब तक देते हैं, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.

रिपोर्ट:  नीरज झा

HIGHLIGHTS

  • स्वास्थ्य केंद्रों में अवैध वसूली
  • नसबंदी कराने आई महिलाओं से वसूली
  • गरीब मरीजों से वसूले गए हजार रुपए
  • दवा और स्ट्रेचर के नाम पर लिए गए पैसे

Source : News State Bihar Jharkhand

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