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बिहार उपचुनाव में दोनों सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त, काम न आया कन्हैया फैक्टर 

कुशेश्वरस्थान और तारापुर के कुल वोट मिला दिए जाएं तो कांग्रेस को दोनों सीटों पर कुल मिलाकर महज 9172 वोट मिले जो केवल 3.05 फीसदी ही है.

Updated on: 03 Nov 2021, 08:06 AM

पटना:

बिहार में उपचुनाव के नतीजों ने कांग्रेस को परेशानी में डाल दिया है. उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल किया था. कांग्रेस को उम्मीद थी कि कन्हैया के पार्टी में शामिल होने से चुनाव में फायदा मिलेगा लेकिन नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया. दोनों की सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई. बिहार में कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए. कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया और तल्ख बयानबाजियों के बीच दोनों सीट से अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए. अब चुनाव परिणाम आ चुके हैं.

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उपचुनाव में दोनों ही सीटों पर सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की जीत हुई है. दोनों सीटों पर जेडीयू और आरजेडी के बीच टक्कर हुई. इतना ही नहीं पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और नए चुनाव निशान के साथ चिराग पासवान ने अपने उम्मीदवार उतारे थे. इन दोनों ही सीटों पर चिराग पासवान की पार्टी तीसरे नंबर पर रही. बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का दंभ भर रही कांग्रेस जमानत बचाने के लिए जरूरी वोट भी नहीं प्राप्त कर सकी. कांग्रेस पार्टी वोट के लिहाज से चिराग पासवान की पार्टी से भी खराब स्थिति में नजर आई.

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दोनों सीटों पर जमानत हुई जब्त
किसी भी पार्टी को चुनाव में नियमों के तहत 16.66 फीसद वोट लाने होते हैं. इससे कम वोट मिलने पर प्रत्याशी की जमानत जब्त हो जाती है. कुशेश्वर स्थान से कांग्रेस के उम्मीदवार अतिरेक कुमार को 4.27 फीसदी यानि कुल 5602 वोट मिले. वहीं तारापुर से उम्मीदवार राजेश मिश्रा केवल 2.10 फीसदी यानि 3570 वोट ही प्राप्त कर सके. कांग्रेस की हालत यह रही कि दोनों ही सीटों पर चौथे स्थान पर रही. उपचुनाव से ठीक पहले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार को कांग्रेस में शामिल किया गया था. कन्हैया के पार्टी में शामिल होने के बाद बिहार कांग्रेस का आत्मविश्वास इस कदर बढ़ गया कि उसने आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला तक कर लिया और दोनों सीटों पर आरजेडी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े कर दिए.