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चारा घोटाले में लालू यादव की सजा बढ़ाने के मामले की सुनवाई से न्यायाधीश ने खुद को अलग किया

इस पर न्यायमूर्ति एचसी मिश्र एवं राजेश कुमार की पीठ में सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायमूर्ति एचसी मिश्र ने इस मामले की सुनवाई से अपने को अलग कर दिया.

Updated on: 12 Jun 2020, 08:40 AM

रांची:

चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की सजा बढ़ाने के लिए केन्द्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दाखिल अपील पर सुनवाई से झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच सी मिश्र ने गुरुवार को अपने को अलग कर लिया, क्योंकि वह चारा घोटाले से जुड़े मामलों की सुनवाई निचली अदालत में भी कर चुके हैं. सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले (fodder scam) के मामले में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा कम सजा दिये जाने के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की है. इस पर न्यायमूर्ति एचसी मिश्र एवं राजेश कुमार की पीठ में सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायमूर्ति एचसी मिश्र ने इस मामले की सुनवाई से अपने को अलग कर दिया और इस मामले को किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के निर्देश दिये.

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चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद की सजा को बढ़ाने की मांग वाली सीबीआई की याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है. सीबीआई की याचिका में कहा गया है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी वाले मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने जगदीश शर्मा को सात साल की कैद की सजा सुनाई है जबकि लालू सहित अन्य लोगों को मात्र साढ़े तीन साल की सजा दी गयी है.

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सीबीआई ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि जब इन लोगों पर समान आरोप था तो सजा भी समान होनी चाहिए थी. गुरुवार को लालू प्रसाद, आरके राणा और सुबीर भट्टाचार्य की ओर से अधिवक्ता प्रभात कुमार व देवर्षि मंडल वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से न्यायालय में पेश हुए. अब यह मामला वापस मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेजा जायेगा जो इसे किसी अन्य पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेजेंगे.

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