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दिव्यांगों के साथ मदद के नाम पर हुआ मजाक, सुबह से रात हो गई लेकिन नहीं मिली ट्राइसाइकिल

हाजीपुर अक्षयवट राय स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में सुबह से ही जिले भर के दिव्यांगों का जमावड़ा हो गया दिव्यांगों की भीड़ अपना अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए धक्का मुक्की करते दिखे लेकिन सुबह से रात हो गई दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल नहीं मिली.

Updated on: 15 Jan 2023, 12:56 PM

highlights

  • सुबह से रात हो गई लेकिन दिव्यांगों को नहीं मिली ट्राइसाइकिल 
  • एजेंसी को एक दिन पहले कहा गया था साइकिल तैयार करने 
  • मदद के नाम पर दिव्यांगों के साथ हुआ भद्दा मजाक

Hajipur:

हाजीपुर में दिव्यांगों को मुफ्त ट्राइसाइकिल वितरण का सरकारी कार्यक्रम आयोजित हुआ था. घोषणा हुई थी कि कार्यक्रम में स्थानीय सांसद और केंद्र में मंत्री पशुपति पारस जिले के दिव्यांगों को मुफ्त ट्राइसाइकिल देंगे. हाजीपुर अक्षयवट राय स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में सुबह से ही जिले भर के दिव्यांगों का जमावड़ा हो गया दिव्यांगों की भीड़ अपना अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए धक्का मुक्की करते दिखे लेकिन सुबह से रात हो गई दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल नहीं मिली.

सुबह से रात हो गई पर दिव्यांग को नहीं मिली ट्राइसाइकिल

केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस अपने समय पर अपने लाव लश्कर के साथ कार्यक्रम में पहुंच भी गए कार्यक्रम में मंत्री जी खुद पहुंचे थे. इसलिए कार्यक्रम की भव्यता का पूरा इंतजाम किया गया. कार्यक्रम में थोड़ी देर रुकने के बाद मंत्री पशुपति पारस निकल गए और अधिकारियों को आदेश दिया कि दिव्यांगों को साइकिल का वितरण करा दिया जाय लेकिन मंत्री पशुपति पारस के निकलने के बाद सुबह से रात हो गई और दिव्यांग कार्यक्रम स्थल पर साईकिल मिलने की आस में टिके रहे लेकिन कई दिव्यांगों ने बताया की उन्हें साइकिल नहीं मिली है. 

एजेंसी को एक दिन पहले कहा गया था साइकिल तैयार करने 

बताया जा रहा है कि, दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल देने के कार्यक्रम को आनन् फानन में तय किया गया था. साइकिल बनाने वाली एजेंसी के लोगो ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें महज एक दिन पहले साइकिल तैयार करने को कहा था. जिस कारण कार्यक्रम के समय तक कुछ साइकिल ही तैयार हो पाई और ज्यादातर ट्राइसाइकिल खुले मैदान में पुर्जा पुर्जा बिखरा पड़ा है. आनन् फानन में तैयार साइकिलों को बांट मंत्री जी तो निकल गए और उनके निकलने के बाद दिव्यांग देर रात तक कार्यक्रम स्थल पर भटकते रहे. 

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मदद के नाम पर दिव्यांग को मिला धोखा 

मदद के नाम पर मजाक बनाये जाने से कई दिव्यांग निराश दिखे तो कइयों ने ये कहा कि हमे धोखा मिला है. दूर दूर से पहुंचे दिव्यांगों ने बताया कि कइयों ने ट्राइसाइकिल ले जाने के लिए सुबह से भाड़े की गाड़ी मंगवा रखी थी, जिसके किराए का नुकसान हुआ तो कुछ लोगों ने बताया कि अधिकारियों ने अगले दिन बुला तो लिया है लेकिन आने जाने के किराए की किल्लत है हम कैसे आएंगे दुबारा. उन्होंने कहा कि कल भी मिलेगा या नहीं इसकी कोई भरोसा नहीं है.

कार्यक्रम एक भद्दे मजाक से ज्यादा कुछ नहीं था

ये आयोजन तो सरकारी था, दिव्यांगों को मिलने वाली मदद योजना के पैसे भी सरकार के ही थे लेकिन मंत्री के सामने तड़क भड़क वाले आयोजन करने वाले स्थानीय प्रशासन ने कार्यक्रम में मदद के नाम पर जो किया, वो दिव्यांगों के साथ भद्दे मजाक से ज्यादा कुछ भी नहीं था.

रिपोर्ट - दिवेश कुमार