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जदयू की नई प्रदेश कमेटी बनी, 33 फीसदी महिलाओं को मिला हिस्सा

जदयू द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में नई कमिटी की घोषणा करते हुए कहा कि नई कमिटी में 29 उपाध्यक्ष, 60 महासचिव, 114 सचिव, एक कोषाध्यक्ष और 7 प्रवक्ता शामिल हैं.

Updated on: 24 Jun 2021, 03:48 PM

highlights

  • नई प्रदेश कमेटी में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई
  • इस समिति में 33 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं को दी गई है
  • बिहार चुनाव के बाद पहली बार पार्टी में इतना बड़ा फेरबदल हुआ है

 

 

बिहार:

बिहार में सत्तारूढ जनता दल (युनाइटेड) ने गुरुवार को नए प्रदेश समिति की घोषणा कर दी. नई प्रदेश समिति में 33 प्रतिशत महिलाओं को जगह दी गई है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने नई प्रदेश समिति की सूची जारी करते हुए कहा कि नई प्रदेश कमेटी में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है. उन्होंने कहा कि इस समिति में 33 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं को दी गई है. उन्होंने कहा कि जदयू एकमात्र ऐसी पार्टी है जो समिति में महिलाओं को 33 फीसदी हिस्सेदारी दी है. जदयू द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में नई कमिटी की घोषणा करते हुए कहा कि नई कमिटी में 29 उपाध्यक्ष, 60 महासचिव, 114 सचिव, एक कोषाध्यक्ष और 7 प्रवक्ता शामिल हैं. पार्टी अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की इस नयी टीम में कई नये चेहरे शामिल किये गये है. बिहार चुनाव के बाद पहली बार पार्टी में इतना बड़ा फेरबदल हुआ है. विधान सभा चुनाव में जीत से दूर रहनेवाले कई पूर्व मंत्रियों और विधायकों को इस बार संगठन में जगह दी गयी है.

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नयी कमिटी में उपाध्यक्ष पद पर जिन पूर्व मंत्रियों और विधायकों को जगह मिली है, उनमें पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, पूर्व मंत्री अजीत चौधरी, पूर्व मंत्री बीमा भारती, डॉ. रंजू गीता, ललन पासवान, रणविजय सिंह जैसे नाम शामिल हैं. उमेश कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संकल्प पर चलते हुए पार्टी से कमिटी में महिलाओं को हिस्सेदारी दी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रारंभ से ही महिलाओं के अधिकार की बात करते हैं, और जदयू ने इसे कर के दिखाया है. इस नई कमिटी में पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को जगह दी गई है. उल्लेखनीय है कि जदयू पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी है. बिहार विधान सभा चुनाव के बाद से ही जदयू के प्रदेश संगठन में फेरदबल के कयास लगाये जा रहे थे. इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा का जदयू में विलय हो गया. इसके कारण भी उमेश कुशवाहा की नयी टीम बनने में देर हुई. उमेश की नयी टीम में उपेंद्र के के साथ आये कई चेहरों को अहम जिम्मेदारी मिली है.