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अरुणाचल में 6 विधायकों के बीजेपी में जाने का जदयू को दर्द, कहा- दिल-दिमाग पर असरदार

अरुणाचल प्रदेश में छह विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का दर्द जनता दल (युनाइटेड) के नेताओं को कम नहीं हो रहा है.

Updated on: 30 Dec 2020, 08:37 AM

पटना:

अरुणाचल प्रदेश में छह विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का दर्द जनता दल (युनाइटेड) के नेताओं को कम नहीं हो रहा है. बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार चला रही जदयू के नेताओं को अभी भी उस दर्द की टीस तकलीफ दे रही है. जदयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मंगलवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश की घटना से हमलोगों को तकलीफ तो जरूर हुई है. 

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वशिष्ठ नारायण सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए अपनी तकलीफ बयां करते हुए कहा, 'इस घटना से हमलोगों को तकलीफ तो जरूर हुई है. इसे करने की जरूरत नहीं थी. इसका सबसे बड़ा कारण है कि हमलोग साथ काम करने, सहयोग करने को तैयार थे. जब काम करने को तैयार थे तब मिलाने का तर्क समझ में नहीं आ रहा.' उन्होंने आगे कहा कि ऐसी घटनाओं का दिल और दिमाग पर तो असर पड़ता ही है.

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उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही अरुणाचल प्रदेश के जदयू के सात विधायकों में से छह विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गए हैं. इसके बाद बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज है. राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजद के साथ आने का खुला ऑफर तक दे दिया है. चौधरी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बना दें, तो उनको 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्षी पार्टियां समर्थन कर सकती हैं.