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हर्षबर्धन कुमार और सोइल्लीना मेनाक( Photo Credit : social media)
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लड़का और लड़की दोनों ताइवान में पढ़ाई के दौरान एक दूसरे से मिले और प्यार हो गया. दुल्हन इंडोनेशिया के नौर्थ सुमात्रा प्रोविंस स्थित सिबोरोगबोरोगा की रहने वाली सोइल्लीना मेनाक सिलाबन है.
हर्षबर्धन कुमार और सोइल्लीना मेनाक( Photo Credit : social media)
इंडोनेशिया की लड़की को पढ़ाई के दौरान पूर्वी चंपारण जिला के युवक से प्यार हुआ और प्यार अपने मुकाम तक पहुंचा. पहले इंडोनेशिया में दोनों ने शादी की. फिर पूर्वी चंपारण जिला के परसौनी स्थित लड़का के गांव आकर युवती ने भारतीय रीति रिवाज से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शादी की. लड़का और लड़की दोनों ताइवान में पढ़ाई के दौरान एक दूसरे से मिले और प्यार हो गया. दुल्हन इंडोनेशिया के नौर्थ सुमात्रा प्रोविंस स्थित सिबोरोगबोरोगा की रहने वाली सोइल्लीना मेनाक सिलाबन है. तो दूल्हा पताही के परसौनी गांव का रहने वाले अखिलेश कुमार सिंह का पुत्र हर्षबर्धन कुमार है.
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दोनों की शादी के गवाह गांव के अलावा अगल-बगल के क्षेत्र के लोग भी बने. इस शादी के बाद दुल्हन सोइल्लीना ने भारतीय कल्चर को बहुत अच्छा बताया. दुल्हा हर्षबर्धन कुमार ने बताया कि मैं ताइवान में पोस्ट डाक्टोरल साइंटिस्ट के रुप में कार्य कर रहा था. वहीं पर सोइल्लीना ग्लोबल फाइनेंस में एमएस कर रही थी. हमदोनों की मुलाकातें हुई और हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गई. हम दोनों की नजदीकियां प्यार में बदल गई. हम दोनों ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी. लेकिन शुरुआत में परिजनों के तरफ से हमदोनों के प्यार पर मुहर नहीं लगी.
बाद में समझाने पर दोनों परिवार शादी के लिए राजी हो गए. वर्ष 2018 से लेकर मार्च 2021 तक ताइवान में रहा. फिर मार्च 2021 में भारत लौट आया और जयपुर स्थित एलएनएम आईआईटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बना.हम दोनों ने विगत मार्च 2023 में पहले इंडोनेशिया में शादी की. फिर अपने गांव आकर भारतीय रीति रिवाज से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शादी की है. मैं सोइल्लीना को हिंदू कल्चर और रीति रिवाज से परिचित कराना चाहता था. इसलिए हिंदू रीति रिवाज से भी मैंने शादी की.यहां के रीति रिवाज का अनुभव कर वह काफी खुश है.उसने काफी सहयोग भी किया.
वहीं दुल्हन सोइल्लीना मेनाक सिलाबन ने बताया कि ताइवान में हमदोनों एक दूसरे के नजदीक आए और प्यार हो गया. भारत का कल्चर और यहां के लोग काफी अच्छे हैं. हिंदी मैं समझ नहीं पाती हूं. कोई कोई शब्द थोड़ा-थोड़ा समझती हूं. हर्षबर्धन के पिता अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस शादी से वह बहुत खुश हैं. दुल्हन यहां के कल्चर को एडॉब्ट करने वाली है. वह यहां के बारे में सब कुछ जान जाएगी और जल्द हीं सीख लेगी. गांव के लोगों ने भी दुल्हन का अच्छे ढंग से स्वागत किया है.
Source : News Nation Bureau