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भारत-तिब्बत विचार अध्ययन केंद्र( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
गया जिले के बोधगया में भारत और तिब्बत के लोग अब एक दूसरे देश के महत्वपूर्ण विचारों का विशेष अध्ययन कर सकते हैं. केंद्र सरकार करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से बोधगया में भारत-तिब्बत विचार अध्ययन केंद्र का निर्माण कराने जा रही है. आज तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने इसका शिलान्यास किया है. इसका मकसद है कि भारत में तिब्बती संस्कृति व दया करने के भाव को समाहित करते हुए भारतीय प्राचीन सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर एक साथ अध्ययन हो. इसका निर्माण 4 वर्षों में पूरा किया जाना है.
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बता दें कि इस इंस्टीट्यूट के निर्माण के लिए 17 जनवरी, 2020 को दलाई लामा ने बिहार सीएम नीतीश कुमार से बात की थी. इसके बाद 25 अगस्त, 2022 को कैबिनेट की स्वीकृति के बाद बिहार सरकार ने संस्थान को 99 वर्षों के लिए जमीन उपलब्ध कराया है. इस विश्वस्तरीय इंस्टीट्यूट में भारतीय मनोवैज्ञानिक और बौद्ध धर्म से जुड़े विषयों पर शोध व अध्ययन होंगे. जहां मुख्य रूप से इंडियन फिलासफी, लॉजिक, मनोविज्ञान और दलाई लामा के 4 सिद्धांतों ह्यूमन वैल्यू, रिलीजियस हार्मोनी, तिब्बत और रिवाइवल ऑफ एशियंट इंडियन विजडम से जुड़े विषयों की पढ़ाई की सुविधा होगी.
वहीं, 30 दिसंबर, 2022 को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बौद्ध धर्म के गुरू दलाई लामा से बोधगया में मुलाकात की थी. बोधगया में दलाई लामा का टीचिंग सेशन चल रहा है. अचानक से बोधगया पहुंचक सीएम ने दलाई लामा से ना सिर्फ मुलाकात की बल्कि महाबोधि मंदिर में पूजा अर्चना भी की. बता दें कि बिहार में बोधगया में 19वीं बार 3 दिवसीय कालच्रक पूजन कार्यक्रम का आयोजन हुआ. पूजा में शामिल होने के लिए लेने के लिए दुनियाभर से बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग गया पहुंच रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- बोधगया में भारत-तिब्बत विचार अध्ययन केंद्र
- 200 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा
- सीएम नीतीश ने की दलाई लामा से मुलाकात
Source : News State Bihar Jharkhand