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किसानों की बढ़ती चिंता: बेमौसम वर्षा से फसलों पर खतरा, रोने को मजबूर किसान

बदलते मौसम के साथ किसानों की चिंता भी बढ़ रही है. आसमान में बादल छाये रहने और हल्की बेमौसम बारिश से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर उभर आयी है. हल्की बेमौसम बारिश और अनियमित बादल किसानों के खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

Updated on: 12 Apr 2024, 05:32 PM

highlights

  • बिहार में किसानों की बढ़ती चिंता
  • बेमौसम वर्षा से फसलों को खतरा
  • कहीं बर्बाद न हो जाए बची-खुची फसल

Patna:

Bihar Hindi News: बदलते मौसम के साथ किसानों की चिंता भी बढ़ रही है. आसमान में बादल छाये रहने और हल्की बेमौसम बारिश से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर उभर आयी है. हल्की बेमौसम बारिश और अनियमित बादल किसानों के खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. अचानक हुई बारिश से दलहनी और तिलहनी फसलों को काफी नुकसान हुआ है. वहीं बता दें कि किसान ज्योति प्रकाश, गंगा सिंह, राजू कुशवाहा, अरविंद चौबे समेत कई किसानों ने बताया कि, ''बेमौसम वर्षा से पूर्व में ही चना, सरसों, मसूर, मटर समेत अन्य फसलें बर्बाद हो गई हैं. जो कुछ खेतों में बच्ची हुई हैं, मौसम के हालात को देखते हुए उसे भी नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ गई है. गेहूं अब कटाई के लिए तैयार है.''

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किसानों की बेचैनी

आपको बता दें कि हार्वेस्टर की प्रतीक्षा में किसान बेचैन हैं. हार्वेस्टिंग शुरू हो चुकी है, लेकिन अचानक की गई वर्षा ने उनकी चिंता को और भी बढ़ा दिया है. बादलों के दर्शन के साथ ही ओले गिरने की संभावना बनी हुई है, जिससे उनकी फसलों को और नुकसान हो सकता है.

मिनटों में खत्‍म हो जाएगी साल भर की मेहनत

वहीं आपको बता दें कि साल भर की मेहनत चंद मिनटों में खत्म हो सकती है. किसानों को अब मौसम के प्रति और सतर्क रहने की जरूरत है. बिना विचार के किए गए निर्णयों से उनकी फसलों को नुकसान हो सकता है.

इसके अलावा आपको बता दें कि किसानों को बदलते मौसम की चुनौतियों के साथ सामना करने के लिए तैयार रहना होगा. उन्हें समय-समय पर मौसम की समीक्षा करनी चाहिए और अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए.

मौसम में लगातार बदलाव

आपको बता दें कि बीते गुरुवार की शाम जिले के कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई थी, जिसके चलते किसान कटी हुई फसलों की थ्रेसिंग करने में जुटे हुए हैं. दिन-रात थ्रेसर से गेहूं की मड़ाई चल रही है. वहीं, अन्नदाता अपनी फसल बचाने में जुटा हुआ है. किसानों का कहना है कि, 'महंगी लागत लगाने के बाद जब फसल तैयार हो गई है तो मौसम की बेरुखी समस्या बन गई है.' साथ ही बता दें कि किसानों के साथ-साथ ईंट भट्ठा चलाने वाले भी परेशान हैं. भट्ठा मालिक का कहना है कि गड्ढे में ईंटें पड़ी हैं, अब नई ईंटें भी निकाली जा रही हैं, ऐसे में हल्की बारिश भी नुकसान पहुंचाएगी.