अगर आप भी करते हैं बस में सफर तो हो जाए सावधान, कहीं हो ना जाए धोखे का शिकार
मोतिहारी से बाहर चलने वाली दर्जनों सरकारी बसें बिना परमिट की ही सड़को पर दौड़ रही है. यही नहीं बल्कि इस विभाग की घपलेबाजी तब सामने आई जब बस में सवार यात्रियों का टिकट जांच किया गया .
मोतिहारी में यात्री अगर ये समझ रहे हैं कि सरकारी बस से यात्रा करते हैं तो वो सेफ हैं तो ये उनकी भूल है. क्योंकि मोतिहारी से बाहर चलने वाली दर्जनों सरकारी बसें बिना परमिट की ही सड़को पर दौड़ रही है. यही नहीं बल्कि इस विभाग की घपलेबाजी तब सामने आई जब बस में सवार यात्रियों का टिकट जांच किया गया तो देखा गया कि 5 रूपये के टिकट को 45 रुपए, 7 रुपए के टिकट को 116 रुपए में यात्रियों को दिया जाता है और जिस बस का परमिट ही नहीं है मोतिहारी से मुजफ्फरपुर जाने का उस बस पर यात्रियों को बिठा कर भेजा जाता है.
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बस डिप्पो के अधीक्षक का है सारा खेल
ये सारा खेल बस डिप्पो के अधीक्षक के सानिध्य में चल रहा है, लेकिन इस बात की जानकारी जब यात्रियों को लगी तो वो चौक गए. वहीं, इस मामले में बस पर ड्यूटी कर रहे कंडक्टर से जब सवाल किया गया तो उसने बताया कि यही टिकट काटने के लिए प्रतिष्ठान अधीक्षक राजीव नयन झा के द्वारा दिया गया है.
बिना परमिट के चलती हैं बसें
आपको बतादें कि मोतिहारी बस डिप्पो से जिन बसों में खचाखच यात्रियों को भर कर मुजफ्फरपुर और पटना के लिए रोज दौड़ाया जाता है. वो पूरी तरह से अवैध है क्योंकि ये सभी गाड़िया नगर सेवा के लिये बहाल की गई है और इस बस में सवार लोगों को जो टिकट दिया जाता है उस पर भी नगर सेवा लिखा गया है और बिना परमिट के पटना - मुजफ्फरपुर रोज जाती है. ऐसे में आप खुद समझिए की अगर कोई बड़ी घटना हो जाती है तो यात्री कैसे दावा कर पाएंगे कि वे नगर सेवा के बस से पटना व मुफ्फरूपर जा रहे थे. बसों को परमिट नहीं मिलने की वजह भी यही है कि ये सभी गाड़िया सिर्फ नगर सेवा के लायक ही है बावजूद इसके कानून को ताक पर रख कर बस को दौड़ाया जा रहा है.
मोतिहारी बस डिप्पो से कुल 29 गाड़ियों को नेशनल हाइवे के सहारे मोतिहारी से बाहर मुजफ्फरपुर और पटना के लिए भेजा जाता है. जिसमें से मात्र 8 गाड़ियों का ही परमिट है जो डीलक्स व् सेमी डीलक्स है. बाकि सभी ऑडिनारी की कैटेगरी में है जो बिना परमिट की चलती हैं. बस डिप्पो के अधीक्षक ने खुद इस बात को स्वीकार किया है.
सरकारी लोगों को कानून का नहीं है भय
सरकार द्वारा जो सरकारी बसों पर स्लोगन लिखवाया गया है उसे भले ही जानता माने पर सरकारी लोगों के लिये यह सिर्फ स्लोगन मात्र ही है क्योंकि उन्हें कानून का भय नहीं है. डिप्पो के अधीक्षक यहां सरकारी गाइड लाइन नहीं बल्कि अपनी हुकूमत चलाते हैं.
HIGHLIGHTS
मोतिहारी में दर्जनों सरकारी बसें बिना परमिट की हैं चलती
डिप्पो के अधीक्षक के सानिध्य में चल रहा है पूरा खेल