Nitish Kumar Next Move: बिहार के सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है. पिछले कुछ दिनों से बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से नीतीश कुमार के पाला बदलने की खबरें आ रही है.
पाला बदलने को तैयार नीतीश कुमार!
हालांकि, नीतीश कुमार के पार्टी बदलने को लेकर प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अलग-अलग बयान दिया है. एक तरफ तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार के लिए दरवाजा हमेशा के लिए बंद होने की बाद कही है तो दूसरी तरफ लालू यादव ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार इंडिया एलायंस में आते हैं तो वह उनका स्वागत करेंगे और साथ मिलकर काम करेंगे.
इंडिया एलायंस के साथ नीतीश को फायदा या नुकसान
पिता लालू यादव के बयान पर तेजस्वी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्होंने मीडिया को शांत करने के लिए ऐसा कहा है, लेकिन नीतीश कुमार के साथ वह दोबारा गठबंधन नहीं करेंगे. इस बीच जानते हैं कि अगर एक बार फिर से नीतीश कुमार पाला बदलते हैं तो उन्हें क्या-क्या फायदा और क्या नुकसान हो सकता है.
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नीतीश को छोड़नी पड़ेगी सीएम की कुर्सी
एनडीए का साथ छोड़ते ही बिहार में सरकार गिर जाएगी और अगर नीतीश कुमार आरजेडी के साथ मिलकर दोबारा सरकार बनाने का दावा पेश करते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि राज्यपाल इसकी इजाजत दें. 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आरजेडी प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर के सामने आई थी. हालांकि, अब बिहार में बीजेपी प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है. बिहार उपचुनाव के बाद अब बीजेपी सबसे ज्यादा विधायकों के साथ प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी है और राज्यपाल दोबारा सरकार बनाने का मौका तभी देगी, जब बीजेपी विपक्ष में रहने को तैयार होगा.
मिलेगी इंडिया एलायंस की बागडोर!
अगर फायदे की बात करें तो इंडिया एलायंस की बागडोर उनके हाथों में दी जा सकती है, लेकिन क्या कांग्रेस इसके लिए मानेंगी, यह बड़ा सवाल है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही इस पद के लिए इच्छा जता चुकी है. हालांकि कांग्रेस नेता इसके लिए तैयार नहीं हुए तो क्या नीतीश कुमार के लिए कांग्रेस नेता मानेंगे. इंडिया एलायंस की बागडोर मिलने के बाद नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का सपना देखने का मौका तो मिलेगा, लेकिन राहुल गांधी की जगह नीतीश कुमार को चेहरा बनाया जाना भी तय नहीं है. लेकिन इसके बदले नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री की कुर्सी जाना तय है. वहीं, इन सबके बीच लालू यादव सबसे पहले तेजस्वी यादव को बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करेंगे. अब पाला बदलने को लेकर नीतीश को फायदे से ज्यादा नुकसान होता ही नजर आ रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इन अफवाहों में कुछ सच्चाई है या फिर यह महज अफवाह ही है.