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बिहार के हटाए जाएंगे गृह सचिव, केंद्रीय चुनाव आयोग का फैसला

लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के गृह सचिव हटाए जाएंगे. चुनाव से पहले केंद्रीय चुनाव आयोग ने कई राज्यों के गृह सचिव को हटाने का निर्देश दिया है, जिसमें बिहार भी शामिल है.

Updated on: 18 Mar 2024, 04:15 PM

highlights

  • बिहार के हटाए जाएंगे गृह सचिव
  • केंद्रीय चुनाव आयोग का फैसला
  • सात चरणों में होगा मतदान

Patna:

लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के गृह सचिव हटाए जाएंगे. चुनाव से पहले केंद्रीय चुनाव आयोग ने कई राज्यों के गृह सचिव को हटाने का निर्देश दिया है, जिसमें बिहार भी शामिल है. बिहार के अलावा झारखंड, यूपी, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश भी शामिल है. आपको बता दें कि बिहार सरकार के गृह विभाग में आईएस एस सिद्धार्थ एडिशन चीफ सेक्रेटरी हैं और आईएएस के सेंथिल कुमार सेक्रेटरी हैं. वहीं, सुनीता अनुपम स्पेशल सेक्रेटरी और आईएएस कपिल अशोक एडिशन सेक्रेटरी हैं. बिहार में लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे. 19 अप्रैल को बिहार में पहले चरण की परीक्षा ली जाएगी. वहीं, 26 अप्रैल को दूसरी, 7 मई को तीसरे, 13 मई को चौथे, 20 मई को पांचवें, 25 मई को छठे और 1 जून को सांतवें चरण का चुनाव लिया जाएगा. वहीं, लोकसभा चुनाव के नतीजा 4 जून को आएगा. 

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बिहार के हटाए जाएंगे गृह सचिव

19 अप्रैल को पहले चरण में गया, औरंगाबाद और नवादा शामिल है. 26 अप्रैल यानी दूसरे चरण में पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका और किशनगंज शामिल है. 7 मई को यानी तीसरे चरण में सुपौल, अररिया, मधेपुरा, खगड़िया और झांझरपुर शामिल है. 13 मई को चौथे चरण में उजियारपुर, समस्तीपुर, मुंगेर, बेगूसराय और दरभंगा शामिल है. 20 मई को यानी पांचवें चरण में मधुबनी, सारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और हाजीपुर शामिल है. 25 मई यानी छठें चरण में पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, शिवहर, वाल्मीकि नगर, महाराजगंज, गोपालगंज और सीवान शामिल है. 1 जून को पटना, नालंदा, आरा, बक्सर, साहिब, काराकाट, सासाराम, पाटलिपुर और जहानाबद सीटों पर मतदान होगा. 

सात चरणों में होगा मतदान

देशभर में आचार संहिता लागू हो चुका है. ऐसे में इलेक्शन कमीशन ने कई चीजों पर कड़ी पाबंदी लगा दी है. वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है. यह बैठक शाम 4 बजे मुख्यमंत्री के कार्यालय में होगी. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद यह पहली बैठक है. एक तरफ जहां आचार संहिता लागू है, तो दूसरी तरफ कैबिनेट की बैठक बुलाए जाने के पीछे बड़ी वजह बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार इस बैठक में पहले से चल रही योजनाओं व स्कीमों के लिए राशि रिलीज की जा सकती है और इसके साथ ही पहले से की गई घोषणा के लिए भी फंड एलॉटमेंट किया जा सकता है.