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Bihar Politics: 'हम' पार्टी ने खेला मास्टर स्ट्रोक, कहा- सभी विकल्प खुले हैं

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्य में फिर से सत्ता में वापसी करने वाली पार्टी एनडीए से बड़ी मांग कर दी है. मांझी की इस मांग से राज्य में सियासत तेज हो गई है और इस मांग को कुछ राजनीतिक विशेषज्ञ प्रेशर पॉलिटिक्स भी बता रहे हैं.

Updated on: 04 Feb 2024, 06:52 PM

highlights

  • 'हम' पार्टी ने खेला मास्टर स्ट्रोक
  •  कहा- सभी विकल्प खुले हैं
  • हम पार्टी ने मांगा दो मंत्री पद

Patna:

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्य में फिर से सत्ता में वापसी करने वाली पार्टी एनडीए से बड़ी मांग कर दी है. मांझी की इस मांग से राज्य में सियासत तेज हो गई है और इस मांग को कुछ राजनीतिक विशेषज्ञ प्रेशर पॉलिटिक्स भी बता रहे हैं. दरअसल, महागठबंधन का साथ छोड़कर नीतीश कुमार ने एक बार फिर से एनडीए में शामिल हो चुके हैं. इसी के साथ 9वीं बार नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली. एनडीए की राज्य में सरकार वापसी के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. बता दें कि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के बीच 9-9 विभागों का बंटवारा किया गया है तो वहीं गृह विभाग ने नीतीश कुमार ने अपने पास ही रखा है. 

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हम पार्टी का प्रेशर पॉलिटिक्स!

वहीं, शिक्षा मंत्री भी जदयू नेता और नीतीश के करीबी विजय चौधरी को बनाया गया है. इस बीच हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी दो मंत्री पद की मांग पर अड़े हुए हैं. जिसे लेकर बिहार में जमकर सियासत हो रही है. रविवार को हम ने एनडीए को बड़ा संदेश दिया है. मांझी की मांग के बाद बिहार में बयानबाजी और भी तेज हो चुकी है. लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी मांझी की मांग को जायज बताते हुए उन्हें अपना समर्थन दिया है. इस मांग पर आरजेडी का कहना है कि वह पहले यह तो तय कर लें कि उन्हें किस पाली में रहना है? दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने मांझी को सीधे सीएम पद का ही ऑफर दे दिया. मांझी की इस मांग पर बीजेपी का कहना है कि यह सीएम नीतीश तय करेंगे. 

एक-एक व्यक्ति की जांच की जाएगी- सम्राट चौधरी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से रविवार को दिल्ली में सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद सम्राट चौधरी ने मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमने अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और सभी ने हमें प्रतिबद्धता को पूरा करने को कहा, जो हमने 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद की थी और राज्य में कानून का शासन स्थापित किया गया था. वहीं, भाजपा की प्राथमिकता रोजगार और कानून व्यवस्था को बनाए रखना है. इसके साथ ही बिहार में युवाओं को काम मिल सके.