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सोना तस्करी या टेरर फंडिंग? दो घंटे पहले जहाज में चढ़े हिंदू बन गए मुस्लिम

पटना एयरपोर्ट पर करीब डेढ़ किलो सोना के साथ 3 लोगों की गिरफ्तारी हुई मगर इस पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है.

Updated on: 18 Nov 2022, 04:01 PM

Patna:

फर्ज कीजिए कि डेढ़ दो घंटे पहले हितेश जैन नाम का कोई शख्स अहमदाबाद में किसी फ्लाइट पर बैठा हो और पटना एयरपोर्ट पर जहाज के लैंड करने के कुछ घंटे बाद उसका नाम अफसर हो जाए, पिता का नाम अनिल कुमार से अत्ताउल्लाह हो जाए.  शायद आप चौक जायेंगे लेकिन वास्तव में हुआ भी यही है. पटना एयरपोर्ट पर करीब डेढ़ किलो सोना के साथ 3 लोगों की गिरफ्तारी हुई मगर इस पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है पूरा मामला सोने की तस्करी से शिफ्ट होकर अब राष्ट्रीय सुरक्षा और टेरर फंडिंग से जुड़ता दिख रहा है.


10 नवम्बर को सोना के तीन तस्कर पटना हवाई अड्डे पर पकड़े गए थे,तब तो ये मामला महज़ सोना की तस्करी का था मगर अब अचानक इस मामले की जांच ने पूरे मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ दिया है... अहमदाबाद से इंडिगो की फ्लाइट 6E921से पटना पहुंचे, जिन व्यक्तियों को कस्टम ने 10 नवंबर को पकड़ा था, अब उनकी पहचान ही बदल गई है...  इनमें से एक हितेश जैन की पहचान अब अफसर, दूसरे शख्स अरुण की पहचान रिजवान और तीसरे का नाम आरिफ था जिसका पता बदल गया है. ये तीनों इंडिगो की फ्लाइट से अहमदाबाद से पटना पहुंचे थे। इनके पास से दुबई के होलोग्राम वाला 1 किलोग्राम का एक और बाकी चार अन्य सोने के बिस्किट मिले थे. सोने के इन बिस्किट का वजन 1.467 किलो था, जिनकी कीमत करीब 77 लाख आंकी गयी.

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यहां तक तो मामला सोने की तस्करी से जुड़ा था लेकिन इसके बाद के इन्वेस्टिगेशन में जो जानकारी हाथ लगी है वह बेहद चौंकाने वाली है. दरअसल, जो जानकारी सामने आई है उसमें तीनों तस्कर फर्जी वोटर कार्ड पर यात्रा कर रहे थे और वास्तविक पहचान छुपा रखी थी. 

पकड़े गए तीनों तस्करों के बारे में जो जानकारी सामने आई:

हितेश असली नाम अफसर: हितेश जैन ने पिता का नाम अनिल कुमार बताया था. वोटर कार्ड पर उसका पता जवाहर नगर दिल्ली लिखा था. बाद में उसकी पहचान वेलकम घड़ी मंडी दिल्ली के अफसर के तौर पर हुई, उसके पिता का असली नाम अताउल्ला है.

अरुण असली नाम रिजवान: अरुण ने पहले अपने पिता का नाम शिव कुमार और पता खड़ा कॉलोनी, स्वरूप नगर, दिल्ली बताया था. बाद में उसने अपना नाम रिजवान और पिता का नाम खुर्शीद बताया. वह दिल्ली के सीलमपुर के घड़ी मंडी का रहने वाला है.

आरिफ पिता का नाम और पता दोनों गलत: मोहम्मद आरिफ ने पहले अपना पता नैथला, हसनपुर जूनियर हाई स्कूल ,बुलंदशहर बताया था. वोटर आईडी कार्ड पर उसके पिता का नाम सुबराती लिखा था. जांच में पता चला आरिफ बापूनगर अहमदाबाद का है.

क्या-क्या हुआ खुलासा?

बड़ी हैकिंग: इलेक्शन कमिशन की साइट से छेड़छाड़ करके इन लोगों ने बनाया था फर्जी आईडी पकड़े गए लोग जिस वोटर आई कार्ड का इस्तेमाल कर रहे थे उसकी जांच में यह बात सामने आई कि चुनाव आयोग की साइड से छेड़छाड़ कर तीनों ने फर्जी आई कार्ड बना ली थी.

बड़ी साजिश : सवाल ये है कि तस्करों का मेन हैंडलर कौन है? किसने  फ्लाइट में सोना रखा? तस्करों ने बताया कि आका ने कहा था कि जिस फ्लाइट में वह पटना जाएंगे उसमें सीट के नीचे सोने के बिस्किट रखे हैं. ये आका आखिर कौन है? यह बात अभी सामने नहीं आई है.

भाषा और बोली पाकिस्तानी: पूछताछ में तीनों की भाषा और बोली के टोन से अफसरों को शक हुआ. ये कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बोले जाते हैं. कड़ी पूछताछ में तीनों तस्कर टूट गए और अपनी पहचान जाहिर कर दी.

कस्टम विभाग कर रहा मामले की जांच


फिलहाल इस मामले की पूरी जांच कस्टम विभाग कर रही है. खबर यह है कि दूसरे सुरक्षा एजेंसियों से भी जानकारियां साझा की गई है. पटना पुलिस को भी इस पूरे मामले के बारे में बता दिया गया है. मगर पटना पुलिस ने अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है।


बड़े सवाल जिनके जवाब एजेंसियों को ढूंढने हैं:

1. अफसर रिजवान और आरिफ ने अपनी पहचान आखिर क्यों बदली?
2. आईडी के लिए इन्होंने धर्म बदलकर नाम क्यों चुने खास मकसद तो नहीं?
3. सोने का बिस्किट फ्लाइट में सीट के नीचे कैसे पहुंचा ?
4. आखिर फ्लाइट की उड़ान के पहले सीट के नीचे बिस्किट किसने रखा?
5. सोना कहां जाना था ? क्या इस सोना के बदले कोई दूसरा सौदा होना था?
6. क्या सोना टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल होता?
7. दुबई से जुड़ा मामला अंतर्राष्ट्रीय साजिश का हिस्सा तो नहीं?