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गया के छात्र की चीन में संदेहास्पद मौत, दो साल पहले पढ़ाई के लिए गया था

Gaya Student Death In China; बिहार के गया के इस छात्र की मौत के बाद अब मृतक के परिजन ने विदेश मंत्रालय ने शव को भारत लाने के लिए गुहार लगाई है. मृतक चीन के एक विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी का छात्र था.

Updated on: 02 Aug 2021, 01:20 PM

गया:

चीन के तियान जीन फॉरेन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी की पढ़ाई कर रहे गया के एक युवक की संदिग्ध मौत हो गई है. मृतक की पहचान रामपुर थाना क्षेत्र के पुलिस लाइन स्थित अंबेडकर कॉलोनी के रहने वाले उदय पासवान के इकलौते पुत्र 20 वर्षीय अमन नागसेन के रूप में की गई है. हालांकि उसकी मौत की वजह अभी पता नहीं चल पाई है. विश्वविद्यालय की ओर से छात्र की मौत की जानकारी उसके परिजनों को दी गई है. यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कोई भी जानकारी लिखित रूप से नहीं दी गई है कि अमन की मौत कब और कैसे हुई. जानकारी मिलने के बाद से ही परिजनों का रो-रोकर बुरा  मृतक छात्र के परिजन ने जिला प्रशासन व सरकार से पार्थिव शरीर को मंगवाए जाने की मांग की है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और एमएलसी श्याम सिंह ने भी ट्वीट कर सरकार से मदद की गुहार लगाई है. 

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दो साल पहले गया था चीन 
जानकारी के मुताबिक मृतक अमन नागसेन 2019 सितंबर माह में चीन गया था और वहां इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी का छात्र था. कोर्स पूरा करने में 3 साल और बाकी थे. परिजनों का कहना है कि मौत की सूचना के 3 दिन पहले तक हम लोगों का संपर्क अमन से नहीं हो रहा था जिससे हम लोग घबराए हुए थे. इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने विदेश राज्य मंत्री को ट्वीट करते हुए मामले में संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. मृतक के चाचा किशोर पासवान भी बीजेपी के नेता है, और पंचायती राज प्रकोष्ठ के सचिव के पद पर हैं. उन्होंने कहा कि भारत में अच्छी सरकार चल रही है. अगर मेरे पुत्र का पार्थिव शरीर वापस नहीं आता है तो भारत के लोगों का विश्वास उठ जाएगा. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि अमन का पार्थिव शरीर को गया वापस मंगवाया जाये. परिजनों का कहना है कि अमन से 23 जुलाई को आखिरी बात हुई थी.

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वहीं मृतक के छोटे चाचा पंकज पासवान ने रोते हुए बताया कि घटना के बाद से परिवार का बुरा हाल है. चीन स्थित जिस हॉस्टल से मोबाइल के माध्यम से मौत की जानकारी दी गई थी, उस नंबर पर हमने दूसरे-दूसरे नंबर से कई बार कॉल किया, लेकिन मोबाइल नहीं उठाया जा रहा है. मौत कैसे हुई? इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है. हम सरकार से एक ही मांग करते हैं कि हमारे बच्चे के पार्थिव शरीर को हमारे पैतृक घर पहुंचाया जाए, ताकि हम उसका अंतिम संस्कार कर सकें. कई अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी, लेकिन सभी जगह से निराशा ही हाथ लग रही है. अब हम लोग करें भी तो क्या करें ? कुछ समझ में नहीं आ रहा.