Bihar: अगर आप भी स्वरोजगार की तलाश में हैं और कृषि से जुड़ा कोई लाभदायक व्यवसाय करना चाहते हैं, तो मत्स्य पालन आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है. यहां बिहार में सरकार ग्रामीण युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आई है. अब राज्य में मुफ्त मत्स्य पालन प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे बेरोजगार युवक-युवतियां लाभ उठाकर अपने भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकते हैं.
आरसेटी के जरिए निशुल्क प्रशिक्षण
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से प्रत्येक जिले में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) संचालित किए जा रहे हैं. इन संस्थानों के माध्यम से युवाओं को मत्स्य पालन सहित कई अन्य स्वरोजगार से जुड़ी गतिविधियों का प्रशिक्षण मुफ्त में दिया जा रहा है. गया जिले के बांकेबाजार प्रखंड में इन दिनों 10 दिवसीय मत्स्य पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है, जिसमें 18 से 45 वर्ष तक के साक्षर युवक-युवतियां हिस्सा ले सकते हैं.
प्रशिक्षण का उद्देश्य और लाभ
गया जिले के चंदौती प्रखंड में स्थित पीएनबी आरसेटी से संपर्क कर इच्छुक उम्मीदवार मत्स्य पालन और अन्य स्वरोजगार से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी ले सकते हैं. आरसेटी के प्रशिक्षक रविरंजन झा के अनुसार, मछली पालन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण बेहद जरूरी है. प्रशिक्षण के जरिए मछली पालक तालाब निर्माण, मछली बीज का चयन, जल प्रबंधन और रोग नियंत्रण जैसी आधुनिक तकनीकों में दक्ष हो सकते हैं.
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बढ़ती मांग, बढ़ता मुनाफा
देशभर में मछली की मांग तेजी से बढ़ रही है. खासतौर पर बिहार जैसे राज्यों में जहां मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं, वहां यह व्यवसाय युवाओं के लिए कम लागत में अधिक मुनाफे वाला विकल्प बन सकता है. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद युवा स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं या सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत मदद पाकर आगे बढ़ सकते हैं.
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