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कैमूर शहर के बीचों बीच कूड़े का पहाड़, साफ करने की जगह लगा दी आग

कैमूर में नगर परिषद भभुआ की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है. जहां पूरे शहर का कचरा इकट्ठा कर खेल मैदान में डंप किया जा रहा है.

Updated on: 09 Mar 2023, 04:47 PM

highlights

  • कैमूर में नगर परिषद भभुआ की लापरवाही
  • खेल मैदान में डंप किया जा रहा है कचरा
  • शहर में बन गया कूड़े का पहाड़

Kaimur:

कैमूर में नगर परिषद भभुआ की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है. जहां पूरे शहर का कचरा इकट्ठा कर खेल मैदान में डंप किया जा रहा है. खाली जमीन पर कूड़े का पहाड़ बनने लगा है. इस पहाड़ में आग लगाई गई, जिसके बाद शहर के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. कैमूर के भभुआ शहर के बीचों बीच कूड़े को डंप किया जा रहा है. ये कचरा कैमूर की भभुआ नगर परिषद की लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है. जहां पूरे भभुआ शहर का कचरा इकट्ठा कर सूवरा नदी के पास सड़क किनारे बच्चों के खेलने वाले फील्ड में डंप किया जा रहा है और लापरवाही का आलम इतना की उस कूड़े में नगर परिषद की तरफ से आग भी लगा दी जा रही है. जिससे निकलने वाले जहरीले धूएं ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. बच्चे मैदान से कूड़ा हटाने की मांग कर रहे हैं तो स्थानीय जहरीले धूएं से निजात पाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं.

सांस लेने में परेशानी

शहरवासियों का कहना है कि जिस जगह कचरा डंप किया जा रहा है वो खेल मैदान के साथ ही गौशाला भी है, लेकिन प्रशासन को ना स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य की फिक्र है और ना ही पशुओं की. कचरा सड़क किनारे फेंके जाने से अब इस क्षेत्र में बारिश का पानी भी ठीक से निकल नहीं पाता. लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है. ऐसे में लोगों की मांग है कि भभुआ नगर परिषद कूड़े को कहीं और डंप करें.

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करेंगे कार्रवाई 

वहीं, लोगों की समस्या को लेकर जब नगर परिषद भभुआ के कार्यपालक पदाधिकारी से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि एनजीओ की ओर से डोर टू डोर साफ-सफाई करवाई जा रही है. कूड़ा एक जगह गिराकर उसे खाद बनाने के लिए भेजा जाता है और अगर NGO जहां-तहां कूड़ा डंप कर रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

करोड़ों का खर्चा

गौरतलब है कि भभुआ नगर परिषद में करोड़ों रुपए कूड़े के उठाव और सुरक्षित जोन में डंपिंग करके खाद बनाने के नाम पर खर्च किए जाते हैं. बावजूद कचरा प्रबंधन करने वाली एजेंसी लापरवाही से बाज नहीं आती. ऐसे में अब जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कब तक होती है, ये देखना दिलचस्प होगा.

रिपोर्ट : रंजन त्रिगुण