पकड़े जाने के डर से कैदी ने उठाया खौफनाक कदम, निगल गया पूरा मोबाइल
गोपालगंज से चौकाने वाली एक खबर सामने आई है. जिसने डॉक्टरों को भी हैरानी में डाल दिया है. जहां एक कैदी ने डर के मारे मोबाइल ही निगल लिया. मामले का खुलासा तब हुआ जब उसके पेट में दर्द होना शुरू हो गया .
गोपालगंज से चौकाने वाली एक खबर सामने आई है. जिसने डॉक्टरों को भी हैरानी में डाल दिया है. जहां एक कैदी ने डर के मारे मोबाइल ही निगल लिया. मामले का खुलासा तब हुआ जब उसके पेट में दर्द होना शुरू हो गया .
गोपालगंज से चौकाने वाली एक खबर सामने आई है. जिसने डॉक्टरों को भी हैरानी में डाल दिया है. जहां एक कैदी ने डर के मारे मोबाइल ही निगल लिया. मामले का खुलासा तब हुआ जब उसके पेट में दर्द होना शुरू हो गया और जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो उसकी एक्सरे रिपोर्ट देख डॉक्टर भी हैरान हो गये क्योंकि उसके पेट में पूरा का पूरा एक मोबाइल था. कैदी से जब कारण पूछा गया तो उसने बताया कि डर के कारण उसने ऐसा किया था, लेकिन अब सवाल ये है कि जेल में कैदी के पास मोबाइल कहा से आया.
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डर के मारे मोबाइल निगल गया कैदी
दरअसल गोपालगंज स्थिति चनावे मंडल जेल में बंद एक कैदी के पेट में भयानक दर्द होने लग गया. जेल प्रशासन द्वारा कैदी को पेट दर्द की कोई दवा दी गई लेकिन दर्द में जब आराम नहीं हुआ तो कैदी को जेल प्रशासन द्वारा गोपालगंज सदर अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया. जहां पर डॉक्टरों ने कैदी मरीज को एक्सरे कराने की सलाह दी. एक्सरे के बाद जो रिपोर्ट आई उसने चौंका दिया. कैदी के पेट में मोबाइल फोन था जिस कारण उसे दर्द हो रहा था. इस मामले में कैदी ने बताया कि मैं 2020 से मादक पदार्थ सेवन करने और बेचने के आरोप में चनावे जेल में बंद हूं . मेरे पास एक मोबाइल था और जब मुझे यह पता चला कि जेल प्रशासन द्वारा जांच पड़ताल किया जा रहा है तो मैंने डर के मारे उस मोबाइल को निगल लिया.
कैदी का नाम कैशर अली है, जो नगर थाना क्षेत्र के इंदरवा रफी गांव निवासी बताया जा रहा है. जिसे 17 जनवरी 2020 को नगर थाने की पुलिस ने हजियापुर गांव के पास से स्मैक (मादक पदार्थ) के साथ गिरफ्तार किया था. इसके पहले भी कैशर अली जेल जा चुका है. चलावे मंडल कारा के तत्परता के बाद भी इस तरह की घटना जेल प्रशासन की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर रहा है. जेल प्रशासन द्वारा जेल के अंदर बंद कैदियों के पास परिंदा भी पर नहीं मारने का दावा किया जाता है लेकिन उसी जेल में मोबाइल कैसे पहुंच गया. पीड़ित कैदी को गोपालगंज सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया है. जहां ऑपरेशन कर उसके पेट से मोबाइल को निकाला जाएगा.