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बिहार में गंगा भी अब उफान पर, गंडक ने फिर बढ़ाई लोगों की परेशानी, बाढ़ से लोगों को राहत नहीं

बिहार में गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्घि से जहां कई इलाकों में बाढ का खतरा पैदा हो गया है, वहीं गंडक के एकबार फिर उफोन पर आने से कई क्षेत्रों में घट रहा बाढ़ का पानी फिर से फैलने लगा है.

Updated on: 18 Aug 2020, 05:20 PM

पटना:

बिहार के लोग लगातार बाढ़ के संकट से जूझ रहा है. पिछले कई महीनों से बाढ़ से जनजीवन बेहाल है. कई नदियों के उफान से क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. वहीं अब खबर आ रही है कि गंगा भी उफान पर आ गई है. गंगा के उफान पर आने से कई क्षेत्र तबाह हो सकते हैं. बिहार में गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्घि से जहां कई इलाकों में बाढ का खतरा पैदा हो गया है, वहीं गंडक के एकबार फिर उफोन पर आने से कई क्षेत्रों में घट रहा बाढ़ का पानी फिर से फैलने लगा है. राज्य के प्रमुख नदियों के उफोन पर रहने से राज्य के 16 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिससे 81 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है.

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अब तक 25 लोगों की मौत

राज्य के 16 जिलों के 130 प्रखंडों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है जिससे अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है. बिहार आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत और बचाव कार्य जारी रहने का दावा किया है. इस बीच, गंगा के जलस्तर में वृद्घि के बाद पटना सहित कई जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. बिहार राज्य जलसंसाधन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पटना के गांधी घाट और हाथीदह तथा भागलपुर के कहलगांव के पास गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. उन्होंने कहा कि बागमती के जलस्तर में कमी आई है हालांकि वह भी कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट में लाल निशान को पार कर गई है. बूढ़ी गंडक समस्तीपुर और खगड़िया में रौद्र रूप में है जबकि घाघरा नदी सीवान के दरौली और गंगपुर में खतरे के निशान से ऊपर है.

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गंडक के जलस्तर में वृद्घि देखी जा रही 

इधर, मंगलवार को कोसी के जलस्तर में कमी देखी गई है. वीरपुर बैराज के पास सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 146 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 1़39 लाख क्यूसेक हो गया. इधर, गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है. गंडक का जलस्राव बाल्मीकिनगर बैराज पर सुबह छह बजे और आठ बजे 1़58 लाख क्यूसेक बना हुआ है. उल्लेखनीय है कि पिछले दो दिनों में गंडक के जलस्तर में वृद्घि देखी जा रही थी. इस बीच, गंडक में उफोन के बाद मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, बेगूसराय जिले में जहां बाढ़ का पानी उतर रहा था, वहां बाढ का पानी फि र फैलने लगा है. आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार के 16 जिलों के कुल 130 प्रखंडों की 1,311 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. इन क्षेत्रों में करीब 8,1़56 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.

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इलाकों में 10 राहत शिविर खोले गए

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन इलाकों में 10 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां करीब 12 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं. इसके अलावा बाढ प्रभावित इलाकों में कुल 653 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन करीब 5़30 लाख लोग भोजन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान इलाकों में विभिन्न घटनाओं में 25 लोगों की मौत हुई है. इस बीच 77 पालतू पशुओं की भी मौत हुई है. उन्होंने कहा कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 33 टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 5़ 46 लाख से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है. अपर सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेचुटस रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रुपये की राशि दी जा रही है. अभी तक 8,44,848 परिवारों के बैंक खाते में कुल 506़.91 करोड़ रुपये जीआर की राशि भेजी जा चुकी है. ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है.