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Crime: प्रसव के बाद पहले बच्चे को किया गायब, फिर प्रसूता को बनाया बंधक

मधेपुरा से बीते तीन-चार महीने पूर्व सिंहेश्वर थाना क्षेत्र झिटकिया स्थित एक नॉर्मल डिलेवरी सेंटर नामक नर्सिंग होम में प्रसव के बाद बच्चा गायब करने और प्रसूता को बंधक बनाकर रखने का मामला प्रकाश में आया था.

Updated on: 15 Jan 2023, 07:19 PM

highlights

  • प्रसव के बाद नवजात को किया गायब
  • 2-3 महीने से न्याय की गुहार लगा रही महिला
  • 10 दिन तक महिला को बनाया बंधक
  • न्याय के लिए परिजनों ने किया सड़क जाम

Madhepura:

मधेपुरा से बीते तीन-चार महीने पूर्व सिंहेश्वर थाना क्षेत्र झिटकिया स्थित एक नॉर्मल डिलेवरी सेंटर नामक नर्सिंग होम में प्रसव के बाद बच्चा गायब करने और प्रसूता को बंधक बनाकर रखने का मामला प्रकाश में आया था. जिसके बाद पीड़ित महिला गुड़िया कुमारी का कई दिनों तक सदर अस्पताल, मधेपुरा में इलाज भी चला लेकिन पीड़िता को उचित न्याय नहीं मिल सका. जिसको लेकर पीड़िता ने रविवार को शहर के कर्पूरी चौक को जामकर न्याय की मांग करने लगी. मामले को संज्ञान में लेते हुए उक्त निजी क्लीनिक को सील भी कर दिया गया. पीड़ित महिला गुड़िया कुमारी का कई दिनों तक सदर अस्पताल में इलाज भी चला, लेकिन पीड़िता को उचित न्याय नहीं मिल सका.

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प्रसव के बाद बच्चे को किया गायब

जिसके बाद रविवार को शहर के कर्पूरी चौक को जामकर न्याय की मांग करने लगी. गुड़िया कुमारी ने बताया कि इससे पूर्व हर जगह मैंने आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिला. इस घटना को आज तीन महीने से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन ऑपरेशन के दौरान गायब हुए बच्चे का कोई अता-पता नहीं चला. मैं जब भी सिविल सर्जन या थाना अध्यक्ष से मिलने जाती हूं तो उनका सिर्फ यही कहना होता है कि जांच की जा रही है, आप पहले स्वस्थ हो जाए.

महिला को नहीं मिला अब तक न्याय

उन्होंने बताया कि इस मामले में डीएम, एसपी तक को आवेदन देकर निष्पक्ष जांच और न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन बड़े अधिकारियों के द्वारा भी कोई पहल नहीं की गई. जब इंसाफ नहीं मिलता देखा तो आज हमने सड़क जाम कर न्याय दिलवाने की मांग की. बता दें कि इस मामले में डीएम श्याम बिहारी मीणा ने संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन डॉ. अब्दुस सलाम को उक्त नर्सिंग होम के विरुद्ध केस दर्ज कर पूरे मामले की गंभीरता से जांच के आदेश दिया था. जिसके बाद सिविल सर्जन त्वरित कार्रवाई करते हुए डीएस डॉ. पीके यादव व डीपीएम प्रिंस कुमार समेत टीम के अन्य सदस्यों के साथ नॉर्मल डिलीवरी सेंटर पहुंचे और उसे सील कर दिया. 

न्याय के लिए परिजनों ने किया सड़क जाम

हालांकि इस दौरान ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सीएस समेत अन्य अधिकारियों पर हमला करने की भी कोशिश की, लेकिन सिंहेश्वर थाना की पुलिस की मौजूदगी की वजह से सब संभाल लिया गया था. पिछले दिनों पीड़िता ने डीपीएम को दिए गए बयान में कहा कि उक्त क्लीनिक पर सदर अस्पताल में कार्यरत एक चिकित्सक भी काम करते हैं. इसकी जानकारी उसे तब हुई, जब वह दोबारा सदर अस्पताल में भर्ती हुई.

10 दिन तक महिला को बनाया बंधक

उक्त चिकित्सक सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी कर रहे थे, लेकिन पीड़ित को देख वह चिकित्सक छिपकर बाहर निकल गए. फिर दोबारा वह अस्पताल में नहीं दिखें. बता दें कि विगत 27 सितंबर को सदर अस्पताल पहुंची गुड़िया कुमारी को सदर अस्पताल एक दलाल बहला-फुसलाकर नॉर्मल डिलीवरी सेंटर लेकर चली गई. प्रसव के बाद बच्चा को गायब कर पीड़िता को 10 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया और पैसे लेकर उसे मुक्त किया गया.