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लोकसभा चुनाव

Election 2024: NDA और UPA में आर-पार की लड़ाई, जानिए कुनबा बढ़ाने की सियासत

लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की कवायद तेज होती जा रही है. विपक्षी दलों की दूसरी बैठक भी होने वाली है, लेकिन इससे पहले खबर आई कि NDA में 6 और छोटे दल शामिल होने वाले हैं.

Updated on: 17 Jul 2023, 05:15 PM

highlights

  • चुनाव से पहले बढ़ा NDA का कुनबा
  • NDA को मिला 6 और दलों का साथ
  • 30 बनाम 26... किसकी होगी जीत?
  • NDA और UPA में आर-पार की लड़ाई

Patna:

लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की कवायद तेज होती जा रही है. विपक्षी दलों की दूसरी बैठक भी होने वाली है, लेकिन इससे पहले खबर आई कि NDA में 6 और छोटे दल शामिल होने वाले हैं. यानी विपक्ष ही नहीं बीजेपी की अगुवाई वाली NDA भी अपना कुनबा बढ़ाने में जुट गई है. ऐसे में सवाल ये कि क्या 2024 का रण वाकई बीजपी वर्सेस ऑल होगा? क्योंकि फिलहाल के सियासी समीकरण तो कुछ और ही कह रहे हैं.

NDA में 6 नए दल शामिल

पूरा विपक्ष जहां एक मंच पर आकर बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की रणनीति बना रहा है तो वहीं दूसरी ओर अब NDA भी अपना दायरा बढ़ाने में पीछे नहीं है. दरअसल विपक्षी एकता की बैठक से पहले NDA में 6 नए दल शामिल होने वाले हैं. इनमें NCP (अजित पवार गुट), LJP (रामविलास), HAM यानी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, RLSP यानी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, VIP यानी विकासशील इंसान पार्टी और SBSP यानी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी शामिल है.

9 वर्षों में सबसे ज्यादा तरक्की 

बीजेपी का मानना है कि पिछले 9 वर्षों में देश में जितनी तरक्की हुई उतनी तरक्की किसी भी सरकार में नहीं हुई थी. 9 वर्षों में भारत में हर क्षेत्र में विकास किया है. देश की जनता प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास करती है और एक बार फिर 2024 में नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे. बीजेपी विधायक जीवेश कुमार ने कहा कि बीजेपी सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास में भरोसा करती है. यही कारण है की 2024 में छोटे-छोटे दोनों को एनडीए में शामिल किया जा रहा है. भले ही NDA का स्वरूप व्यापक हो रहा है, लेकिन चेहरा नरेंद्र मोदी ही रहेंगे.

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विपक्ष के 26 दलों का जुटान 

विपक्ष के 26 दलों के जुटान का जवाब बीजेपी की अगुवाई वाली NDA 30 दलों की एकजुटता से देगी. ऐसे में NDA में सहयोगियों की एंट्री पर सियासत ने भी रफ्तार पकड़ ली है. जहां RJD और JDU को NDA का बढ़ता दायरा रास नहीं आ रहा. एक तरफ जहां JDU बीजेपी पर जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए दागी नेताओं को पार्टी में शामिल करने का आरोप लगा रही है तो वहीं दूसरी ओर RJD का मानना है कि कुनबा बढ़ाने से भी NDA को कोई फायदा नहीं होने वाला है. RJD विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि पिछले 9 वर्षों के शासनकाल में बीजेपी अपनी 9 उपलब्धि जनता के बीच नहीं गिना सकती है. सुधाकर सिंह ने कहा कि मोदी के शासनकाल में देश कर्ज में डूब गया है. हां इतना जरूर शासनकाल में हुआ है कि देश का विकास भले ना हुआ हो, लेकिन बीजेपी के कुछ पूंजीपति मित्रों का जरूर विकास हुआ है.

बहरहाल, बयानबाजी के बीच 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए और विपक्षी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है. बीजेपी निशाने पर इसलिए भी है कि एक तरफ तो बीजेपी 9 साल में बेमिसाल काम करने का दम भर रही है तो वहीं दूसरी ओर चुनाव में पार्टी को छोटे दलों की मदद लेने की जरूरत पड़ रही है. ऐसे में अब पक्ष और विपक्ष दोनों में से किसकी एकजुटता चुनावी वैतरणी को पार कराएगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.