आलू की कीमत कम होने से बिहार में आलू उत्पादक किसान परेशान हैं. आलू का लागत मूल्य नहीं मिलने से किसान अपने आलू की फसल को खेत में ही छोड़ने को मजबूर हैं. जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छायी है. करोड़ों की आबादी का पेट भरने वाले किसानों की थाली खाली दिखाई दे रही है. किसानों की बात तो सिर्फ चुनावी उद्घोषों में ही सुनाई देती है. चुनावी मौसम खत्म और किसान की बदहाली शुरू हो जाती है. बिहार के किसान भी आलू की सही कीमत ना मिल पाना के चलते बदहाल है.
माथे पर चिंता की लकीरें
बिहार में आलू उप्तादक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है. आलू का लागत मूल्य नहीं मिलने से किसान अपने आलू की फसल को खेत में ही छोड़ने को मजबूर हैं. बात करें मुजफ्फरपुर की तो यहां भी हालात जुदा नहीं है. किसानों की फसल बिक नहीं रही और कोल्ड स्टोरेज में जगह मिल नहीं रही. लिहाजा किसान अपने आलू को घर पर या खेतों में छोड़ दे रहे हैं. जिससे आलू खराब भी हो रहे हैं. आलू के खरीदार मिल नहीं रहे और जो खरीदार आते भी हैं वो औने-पौने कीमत पर आलू खरीद कर जाते हैं, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
आलू की अच्छी पैदावार
खेतों में रखे बोरों को देख कहना मुश्किल नहीं है कि इस बार बिहार के तमाम जिलों में आलू की पैदावार अच्छी हुई है, लेकिन बंपर पैदावार होने के बाद भी किसानों की हालत तो वही है. इस बार किसानों ने महंगी कीमत पर आलू के बीच खरीदकर इस उम्मीद से फसल लगाया था कि अच्छी पैदावार के बाद अच्छा मुनाफा भी कमाने को मिलेगा, लेकिन हालात बिल्कुल उलट है. किसानों को मुनाफा तो दूर, लागत भी नहीं मिल पा रही है.
किसानों में गुस्सा
मुजफ्फर से पहले बेगूसराय के किसानों की तस्वीरें भी सामने आई थी. जहां आलू की सही कीमत ना मिलने पर किसानों का ऐसा गुस्सा फूटा कि किसानों ने सड़क पर आलू फेंककर प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों ने सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई और केंद्र के साथ ही राज्य सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की थी. बेगूसराय और मुजफ्फरपुर के साथ ही बिहार के लगभग सभी जिलों में आलू उत्पादक किसानों की हालत यही है. कीमत मिल नहीं रही और खेतों में रखे हुए आलू खराब हो रहे हैं.
किसानों के मुद्दे अनसुने
बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, लेकिन यहां किसानों की समस्या है कि खत्म होने का नाम नहीं लेती. ये जानते हुए कि किसानों की आय का मुख्य स्रोत ही कृषि है बावजूद उनके मुद्दों को अनसुना किया जाता है. उनकी समस्याओं पर सुनवाई नहीं होती. सड़क पर उतरने के बाद भी किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता. बहरहाल, अब आलू उत्पादक किसानों की पुकार सरकार तक पहुंचती है या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा.
रिपोर्ट : चंद्रमणी
HIGHLIGHTS
- आलू की कीमत न मिलने से परेशान किसान
- कोल्ड स्टोरेज में नहीं मिल पा रही रखने की जगह
- घर पर आलू रखने को मजबूर किसान
- सही दाम न मिलने पर मायूस आलू के किसान
Source : News State Bihar Jharkhand