Bihar: बिहार के नालंदा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जिले के पावापुरी थाना क्षेत्र के सीकरपुर गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों ने सामूहिक रूप से सल्फास खा लिया. इस दर्दनाक घटना में परिवार की दो नाबालिग बेटियों और की मौत हो गई है, जबकि तीन अन्य लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं.
ये है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, पीड़ित धर्मेंद्र कुमार पावापुरी स्थित श्री काली शाली सेंटर नाम से कपड़े की दुकान चलाते थे. बताया जा रहा है कि उन्होंने व्यापार शुरू करने के लिए स्थानीय सूदखोर मनी लेंडर्स से करीब 5 लाख रुपये कर्ज पर लिए थे. उस पर उन्हें 10 से 12 प्रतिशत तक का ब्याज देना था. धीरे-धीरे कर्ज का बोझ इतना बढ़ गया कि परिवार मानसिक रूप से टूट गया.
इन लोगों ने खाया जहर
धर्मेंद्र कुमार के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां (14 और 16 वर्ष) और दो बेटे (11 और 7 वर्ष) शामिल हैं. बीती शाम करीब साढ़े पांच बजे सभी ने जहर खा लिया. दो बेटियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि धर्मेंद्र, उनकी पत्नी और एक बेटा गंभीर हालत में इलाजरत हैं.
सामने आया ये कारण
स्थानीय लोगों का कहना है कि सूदखोरों की ओर से लगातार दबाव बनाए जाने और धमकियां मिलने के कारण परिवार मानसिक रूप से परेशान था. आरोप है कि सूदखोर उनके घर आकर धमकी देते थे, यहां तक कि बेटियों को उठाने की बात भी कही गई. इन धमकियों से तंग आकर पूरा परिवार यह भयावह कदम उठाने पर मजबूर हो गया.
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिम्मेदार लोगों को चिन्हित कर लिया गया है और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी. हालांकि, पुलिस ने अभी आरोपियों के नामों का खुलासा नहीं किया है.
प्रशासन से सख्त एक्शन की मांग
यह घटना न केवल समाज को झकझोरने वाली है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि कब तक सूदखोरी जैसी अवैध प्रथा आम लोगों की जिंदगी तबाह करती रहेगी. प्रशासन से मांग की जा रही है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और ऐसे मामलों को दोहराने से रोका जाए.
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