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चिकित्सक तय करें कि किसी को चिकित्सा के अभाव में जीवन नहीं गंवाना पड़े : राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के कारण वर्तमान में बिहार का मातृ मृत्यु अनुपात घटकर 149 एवं शिशु मृत्यु दर 34 हो गई है.

Updated on: 04 May 2021, 08:41 PM

highlights

  • राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में हमारी विरासत काफी गौरवशाली है
  • उन्होंने कहा यहां गंभीर कोरोना मरीजों का इलाज भी प्रारंभ किया जा रहा है
  •  राज्य कैंसर संस्थान बनकर तैयार हो गया है तथा क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का निमार्ण कार्य भी जल्द ही शुरू होगा

पटना:

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने यहां मंगलवार को कहा कि युवा चिकित्सक एवं अन्य चिकित्साकर्मियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत में किसी भी व्यक्ति को चिकित्सा के अभाव मे अपना जीवन नहीं गंवाना पड़े. उन्होंने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही चिकित्सा के क्षेत्र में आगे रहा है तथा आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास में भी हमारे मनीषियों का अनुपम योगदान रहा है. पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के छठे एवं सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में हमारी विरासत काफी गौरवशाली है, जिससे पूरी दुनिया आज भी चकित है. राज्यपाल ने आईजीआईएमएस की तारीफ करते हुए कहा कि यह संस्थान गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास भी काफी बेहतर ढंग से कर रहा है. यहां किडनी एवं लीवर प्रत्यारोपण का काम शुरू हो गया है एवं हृदय रोग तथा कैंसर आदि बीमारियों का ईलाज बेहतर ढंग से किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा, "यहां राज्य कैंसर संस्थान बनकर तैयार हो गया है तथा क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का निमार्ण कार्य भी जल्द ही शुरू होने जा रहा है. यहां गंभीर कोरोना मरीजों का इलाज भी प्रारंभ किया जा रहा है." राज्यपाल ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के कारण वर्तमान में बिहार का मातृ मृत्यु अनुपात घटकर 149 एवं शिशु मृत्यु दर 34 हो गई है. उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि आईजीआईएमएस एवं अन्य चिकित्सा संस्थान तथा ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अपने सामूहिक प्रयासों के जरिए टीकाकरण को शत-प्रतिशत सफल बनाते हुए "स्वस्थ भारत और समृद्ध भारत" के सपने को साकार करने में भरपूर सहयोग प्रदान करेंगे.

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इस दीक्षांत समारोह में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, आईजीआईएमएस के निदेशक एन. आर. विश्वास सहित अन्य चिकित्सक एवं छात्र उपस्थित थे. समारोह का आयोजन वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिए किया गया.