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CM Nitish Kumar ( Photo Credit : File)
राज्य में जारी कोरोना कहर के बीच साल के अंत तक होने वाले विधान सभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश के सभी राजनितिक पार्टी नये संभावनाओं के तलाश में जुट गए हैं. राज्य के सभी पार्टियां अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर नफा-नुकसान के हिसाब लगाने में जुटे हैं और नए साथी की भी तलाश जारी है जिससे प्रदेश भर में चुनाव से पहले नये राजनितिक समीकरण दिखने लगे है.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल जदयू और लोजपा के बीच जहां दिनों दिन तल्खी बढ़ती दिख रही है, वहीं विपक्षी दल के महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की नजदीकी भी जदयू से बढ़ती जा रही है. वैसे भाजपा अभी इस अनजाने प्रेम को ले कर चुप्पी साध राखी है.
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बिहार में हालांकि भाजपा और जदयू को छोड़कर कोई भी दल इस कोरोना काल में चुनाव कराने के पक्ष में नहीं दिख रहा है लेकिन चुनाव आयोग की चुनाव कराने की तैयारी को देखते हुए सभी दलों ने चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. यही कारण है कि राजनीतिक दल और नेता अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नए ठिकाने की तलाश में जुटे हुए हैं.
लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान लगातार बिहार सरकार में कमियों को सार्वजनिक मंचों से उठाकर जदयू से अपनी दूरी को मतदाताओं के बीच ले आ चुके हैं. चुनाव की आहट सुनकर चिराग स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अचानक पटना पहुंचे और अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर आगे की रणनीति बना ली है. कहा जा रहा है कि ही जल्द ही लोजपा संसदीय दल की बैठक होनी है जिसमें भविष्य को लेकर कुछ आधिकारिक घोषणा की जा सकती है.
वैसे चिराग भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा से भी मिलकर अपनी बात रख चुके हैं। लोजपा के एक नेता कहते भी हैं, "उनका गठबंधन भाजपा से है। जदयू तो गठबंधन में बाद में शामिल हुआ है."
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सूत्र बताते हैं कि जदयू की तरफ से लोजपा को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिस कारण लोजपा नाराज है. कहा जा रहा है कि राजग में होने के बावजूद जदयू की तरफ से विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में लोजपा की अनदेखी की जा रही है. सूत्रों का कहना है कि लोजपा चाहती है कि हर हाल में 2015 के विधानसभा चुनाव या 2019 के लोकसभा चुनाव के आधार पर सम्मानजनक सीटें मिलें.
चिराग इस बीच जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव से भी मिल चुके हैं। जबकि पप्पू यादव किसी दलित को बिहार के मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अभियान चला रहे हैं.
वैसे, सूत्र यह भी कहते हैं कि जदयू केंद्रीय मंत्री रामविलास पासावन की पार्टी लोजपा को नाराज नहीं करना चाहती है. पासवान की पहचान बिहार की सियासत में एक दलित नेता की रही है. जदयू से नाराजगी के बाद मंत्री रहे श्याम रजक के भी राजद में जाने की संभावना है. जदयू हालांकि इस समीकरण को दुरूस्त करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अपने पाले में लाने को लेकर व्यग्र दिख रही है. मांझी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते नजर आ रहे हैं.
वैसे, भाजपा अभी तक 'वेट एंड वाच' की स्थिति में है. भाजपा किसी भी घटक दल को फि लहाल नाराज नहीं करना चाहती है. भाजपा के नेता हालांकि खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि राजग एकजुट है और सभी दल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं.
Source : News Nation Bureau