पिंडदान करने आए श्रद्धालु परेशान, फल्गु नदी का पानी खरीदना पड़ता है
गया में सालों भर पिंडदान होता है. धार्मिक नगरी में पिंडदान और तर्पण करने से पूर्वजों की मोक्ष की प्राप्ति मिलती है.
highlights
- पिंडदान करने आए श्रद्धालु परेशान
- फल्गु नदी का पानी खरीदकर कर रहे पिंडदान
- दो महीने से सूखा है नदी का रबर डैम
- गंदे पानी में स्नान करने को मजबूर श्रद्धालु
Gaya:
गया में सालों भर पिंडदान होता है. धार्मिक नगरी में पिंडदान और तर्पण करने से पूर्वजों की मोक्ष की प्राप्ति मिलती है. इसके लिए फल्गु के पवित्र जल में पिंडदान और तर्पण किया जाता है, लेकिन बिहार सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी लगता है मां सीता के श्राप से फल्गु नदी मुक्त नहीं हो पाई है. गया से बहने वाली फाल्गू नदी का इतिहात रामायण काल से जुड़ा है. नदी को लेकर लोगों में आस्था ऐसी कि पिंडदान के लिए देश विदेश से लोग आते हैं, लेकिन आस्था से जुड़ी ये नदी सरकार की पहल के बाद भी सूखने लगी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक था फाल्गू नदी पर रबर डैम बनाना. डैम बना भी, लेकिन लगभग 2 महीने से ये रबड़ डैम सूखा पड़ा है.
फल्गु नदी का पानी खरीदकर कर रहे पिंडदान
मान्यता है कि धार्मिक नगरी गया में पिंडदान और तर्पण करने से पूर्वजों की मोक्ष की प्राप्ति मिलती है. इसके लिए फल्गु के पवित्र जल में पिंडदान और तर्पण किया जाता है, लेकिन किवदंतियों की मानें तो माता सीता के श्राप से फल्गु नदी में पानी नहीं रहता और इसी श्राप को दूर करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 400 करोड़ की लागत से बिहार का पहला और भारत का सबसे लंबा रबड़ डैम का निर्माण कराया. ताकि नदी में सालों भर 3 फीट पानी उपलब्ध रह सके, लेकिन सरकार की ये योजना भी कारगर साबित नहीं हो पा रही है. क्योंकि लगभग 2 महीने से ये रबड़ डैम पूरी तरह से सूख गया है. पानी नहीं रहने से अलग-अलग राज्यों से आने वाले लोगों को तर्पण और पिंडदान करने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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दो महीने से सूखा है नदी का रबर डैम
नदी में पानी की इस कदर सूख चुका है कि लोग नदी का पानी खरीदते हैं, तब जाकर पिंडदान करते हैं. जो पानी मिलता है वो भी गंदा होता है, लेकिन आस्था के चलते लोग इसी पानी में पिंडदान और स्नान करने को मजबूर हैं. गया धार्मिक मान्यताओं का केंद्र है और इसके चलते यहां नदी में पानी की उपलब्धता जरूरी थी,लेकिन नदी में पानी ना होने के चलते श्रद्धालु और पर्यटक परेशान होते थे. ऐसे में सरकार ने नदी पर रबर डैम बनाने की पहल की. क्योंकि रबर डैम के निर्माण में खास तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे नदी में पानी को रोका जा सके, लेकिन सरकार की पहल के बाद भी नदीं सूखा पड़ा है.
रिपोर्ट : अजीत सिंह
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