New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2023/03/09/katihar-news-53.jpg)
नदी पार करने के लिए नहीं है पुल.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
नदी पार करने के लिए नहीं है पुल.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
कटिहार के बारसोई प्रखंड के चांदपारा पंचायत और लहगरिया पंचायत में आज भी विकास नहीं पहुंच पाया है. गांव की बदहाली ऐसी है कि नदी को पार करने के लिए एक पुल तक नहीं है. बांस के जर्जर पुल को पार करने पर लोग मजबूर है. ग्रामीणों की मानें तो सालों से वो इस परेशानी से दो-चार हो रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन ने कभी उनकी सुध नहीं ली. लोगों का कहना है कि इस जर्जर पुल को पार करते वक्त हादसे का डर सताता रहता है, लेकिन इसे पार करने के अलावा कोई और चारा भी नहीं है.
कोई दूसरा चारा नहीं
स्थानीय जिला पार्षद अबुल हसन बताते हैं कि इस समस्या के लिए उन्होंने कई बार लिखित शिकायत जिले के उच्च अधिकारी को भी भेजी है, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी परेशानी जस के तस है. पुल की हालत देख कहना मुश्किल नहीं कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन हादसे के डर को मन में दबाकर गांव के बड़े, बूढ़ और बच्चे हर दिन इस पुल को पार करते हैं. क्योंकि नदी पार करने का कोई दूसरा चारा भी नहीं है.
हर रोज जान हथेली पर
लोगों का कहना है कि गांव में अगर कोई हादसा हो जाए या कोई बीमार हो जाए तो हॉस्पिटल जाने के लिए 15 किलोमीटर दूर घूम कर जाना पड़ता है. बाढ़ के समय में तो हालात बदतर हो जाते हैं. लोग जान हथेली पर रखकर पुल पार करते हैं. नदी पार करना किसी जंग लड़ना जैसा होता है, लेकिन ना ही कोई प्रतिनिधि और ना ही कोई अधिकारी लोगों की सुध लेने की जहमत उठाते हैं. स्थानीय जिला पार्षद अबुल हसन बताते हैं कि इस समस्या के लिए उन्होंने कई बार लिखित शिकायत जिले के उच्च अधिकारी को भी भेजी है, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी परेशानी जस के तस है.
बहरहाल, अब खबर दिखाने के बाद भी ग्रामीणों की परेशानी पर शासन-प्रशासन की नजर जाती है या नहीं और सरकार ग्रामीणों की मांग पर सुनवाई करती है या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा.
रिपोर्ट : जयप्रकाश भगत
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand