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पटना में साइबर फ्रॉड नेटवर्क का खुलासा, क्रिकेटर धोनी के नाम पर हो रही थी ठगी

पटना में पुलिस ने साइबर फ्रॉड नेटवर्क का खुलासा किया है. यहां क्रिकेटर धोनी के नाम पर करोड़ों की ठगी की जा रही थी. पुलिस ने ठगों के पास से कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं. बताया जा रहा है कि धानी नाम की फर्जी कंपनी बनाकर ये ठग फ्रॉड करते थे.

Updated on: 20 Dec 2022, 12:35 PM

highlights

  • पटना में साइबर फ्रॉड नेटवर्क का खुलासा 
  • क्रिकेटर धोनी के नाम करोड़ों की ठगी 
  • पुलिस ने ठगों के पास से कई दस्तावेज किए जब्त
  • धानी नाम की फर्जी कंपनी बनाकर करते थे फ्रॉड
  • खेमनीचक में किराए के मकान से करते थे फ्रॉड

 

Patna:

पटना में पुलिस ने साइबर फ्रॉड नेटवर्क का खुलासा किया है. यहां क्रिकेटर धोनी के नाम पर करोड़ों की ठगी की जा रही थी. पुलिस ने ठगों के पास से कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं. बताया जा रहा है कि धानी नाम की फर्जी कंपनी बनाकर ये ठग फ्रॉड करते थे. वहीं, खेमनीचक में किराए के मकान से फ्रॉड को अंजाम देते थे. पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों साइबर ठगों से गहन पूछताछ के बाद कई खुलासे हुए हैं.

इनके गिरोह के तीन अन्य सदस्यों के पास से मोबाईल फोन, लैपटॉप और कई दस्तावेज में संचित आंकड़ों में प्रतिदिन लाखों के लेन-देन के डाटा रिकॉर्ड मिले हैं. साथ ही गिरफ्तार दोनों साइबर ठगों से गहन पूछताछ में यह जानकारी मिली कि वे लोग धानी फाइनेन्स के नाम पर ( जिसमें क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी के फोटो का लोगों फर्जी तरीके से लगा होता है) मोबाईल फोन, लैपटॉप और इन्टरनेट के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों के लोगों का नाम पता मोबाईल नम्बर, ईमेल आई डी आदि प्राप्त कर लेते थे और उन्हें तरह-तरह के लोन ऑफर करते थे. 

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पर्सनल लोन, होम लोन, इन्स्टेन्ट लोन, विजनस लोन आदि बेहद आसान शर्तों पर बैठे-बैठे लेने के लिए मैसेज / मेल / वाटसेप मैसेज / कॉल के द्वारा फंसाते थे. लोन लेने के लिए प्रोसेसिंग फिस, इन्श्योरेन्स, जी.एस.टी. आदि के नाम पर पैसे ठग कर अपने एकाउंट में मंगवाते थे. उसके बाद लोन देने के बदले इस गिरोह के लोग अपना सीम कार्ड बदल लेते हैं और उन्हें कभी लोन नहीं मिलता था. ये लोग ठगी के पैसे जिन खातों में मंगाते हैं वे खाते फर्जी होते हैं. 

एसएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन साइबर ठगों ने खेमनीचक में एक मकान में दो फ्लैट लेकर अपना साईबर ठगी का फर्जी ऑफिस गुप्त रूप से खोल रखा था. एसएसपी ने बताया कि इन्हीं दोनों फ्लैट में बन्द कमरों से वे लोग कॉल कर या अन्य माध्यम से ग्राहकों को फंसाने का कार्य करते हैं. सभी का काम बटा हुआ है. कोई इंटरनेट से तो कोई मोबाईल नम्बर पर कॉल कर लोगों से साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया करते थे.

रिपोर्ट : रजनीश सिन्हा