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Agriculture Office Motihari( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)
बिहार में यूरिया को लेकर हाहाकर मचा हुआ है. किसानों ने कर्ज लेकर खेती की. रबी फसल अपने खेतों में लगाई और जब यूरिया की जरूरत पड़ी तो यूरिया के लिए दर-दर भटकने को विवश हो गए हैं. पूरे बिहार के साथ-साथ नेपाल बॉर्डर से सटे पूर्वी चंपारण जिले में यूरिया के लिये त्राहिमाम मचा हुआ है. तस्कर सिस्टम के सहारे यूरिया को नेपाल पहुंचा रहे हैं. क्योंकि जिस यूरिया का दाम यहां सरकार ने 266 रुपए तय किया है वही यूरिया नेपाल में कारोबारी 1200 रुपए में बेच रहे हैं और ये सारा खेल सिस्टम के सहारे हो रहा है. यही वजह है कि किसान ने अपने खेतों में पानी तो पटा दिया पर यूरिया उन्हें नहीं मिल पा रही है. जिन्हें यूरिया मिल भी रही है तो उन्हें भी उंचे दाम देने पड़ रहे हैं.
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आपको बता दें कि एक तरफ पूरे पूर्वी चंपारण जिले में यूरिया को लेकर हाहाकर मचा हुआ है तो वहीं, जिला कृषि पदाधिकारी कालाबाजारी की जिम्मेदारी बॉर्डर पर तैनात SSB पर थोप रहे हैं और अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. वहीं, इस बीच मोतिहारी के कस्टम की टीम ने बॉर्डर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला कृषि विभाग की काली करतूत को उजागर कर दिया है. कस्टम की टीम ने कुण्डवा चैनपुर इलाके से लगभग 1000 ( एक हजार ) बोरी उर्वरक और यूरिया को जब्त किया है. आपको बता दें कि कस्टम के अधिकारी को सूचना मिली की जिले से सटे कुण्डवा चैनपुर बॉर्डर इलाके में कुछ प्राइवेट गोदामों में उर्वरक डंपिंग किया गया है. जिसके बाद कस्टम की टीम ने छापेमारी की. जिसमें टीम ने ट्रक के साथ लगभग 1000 बोरी उर्वरक को जब्त किया, जिसे तस्कर नेपाल भेजने की फीराक में थे. कस्टम इसे बड़ी कार्रवाई मान रही है. कस्टम के उप आयुक्त रोहित खरे ने बताया कि उनकी टीम आगे भी बॉर्डर पर इस तरह की कार्रवाई करती रहेगी.
रिपोर्ट : रंजीत पाण्डेय
HIGHLIGHTS
- यूरिया के लिए दर-दर भटकने को विवश किसान
- तस्कर नेपाल में कर रहे यूरिया की तस्करी
- कस्टम की टीम ने पकड़ी 1000 उर्वरक की बोरियां
Source : News State Bihar Jharkhand