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सुपौल में शराबी को कोर्ट ने सुनाई 1 साल की सजा, शराबियों में भय का माहौल

सुपौल में एक शराबी को दूसरी बार शराब का सेवन करने के मामले में दोषी करार देते हुए शनिवार को एक साल की सजा सुनाई गई है.

Updated on: 19 Nov 2022, 06:21 PM

highlights

. शराबी को मिली 1 साल की सजा

. शराबबंदी कानून संसोधन के बाद पहली सजा

Supaul:

सुपौल में एक शराबी को दूसरी बार शराब का सेवन करने के मामले में दोषी करार देते हुए शनिवार को एक साल की सजा सुनाई गई है. सुपौल एसपी डी अमरकेश ने शनिवार की शाम प्रेस रिलीज कर इसकी जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि चार माह पूर्व सुपौल थाना क्षेत्र के झखराही वार्ड 26 में शराब के नशे में उपद्रव मचाने से संबंधित मद्य-निषेध थाना कांड संख्या - 309/2022 से जनित उत्पाद वाद सं0-962/2022 में अपर जिला व सत्र न्यायाधीश- पंचम् सह विशेष न्यायाधीश ( उत्पाद, न्यायालय सं0- 2 ) श्री उमेश मणि त्रिपाटी की कोर्ट के द्वारा अभियुक्त शिबू पासवान को बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम-2016 (संशोधित अधिo-2022) की धारा-37 के तहत दुबारा शराब के सेवन का दोषी पाते हुए सजा का ऐलान किया गया.

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अभियुक्त को उक्त अधिनियम की धारा-37 के तहत 1 साल की कारावास की सजा सुनाई गई. इस वाद का कोर्ट में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक रूद्र प्रताप लाल के द्वारा सफल विचारण कराया गया. जबकि पुलिस अधीक्षक डी अमरकेश के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में त्वरित विचारण कोषांग के द्वारा उक्त बाद का त्वरित विचारण कराकर कुल 3 साक्षियों की गवाही ससमय कराई गई. साक्षियों के द्वारा अपने-अपने बयान में घटना व प्राथमिकी का समर्थन किया गया. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार वर्मा ने बहस में भाग लिया.

इस वाद की सूचिका उत्पाद निरीक्षक कुमारी पल्लवी के लिखित आवेदन के आधार पर मद्य-निषेध थाना कांड संख्या-309/2022 दर्ज किया गया था. 3 सितंबर 2022 को अभियुक्त शिबू पासवान को रात्री 10:38 बजे उत्पाद विभाग की टीम ने उसे शराब के नशे में गिरफ्तार किया था. ब्रेथ एनालाईजर से जांच करने पर शराब सेवन करने की पुष्टि हुई थी. उल्लेखनीय है कि अभियुक्त शिबू पासवान इससे पूर्व भी मद्य-निषेध थाना कांड सं0-281 / 2022 का अभियुक्त बना था, जिसमें वह जुर्माना देकर छुट गया था.

बता दें कि इस साल शराबबंदी कानून में संशोधन होने के बाद सुपौल जिला में दोबारा शराब सेवन के मामले में यह पहली सजा है, जिससे शराबियों में भय का माहौल कायम होने की संभावना है.