पटना-पूर्णिया फोर लेन एक्सप्रेस-वे सूबे के हजारों किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आएगा. राज्य के पहले ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हो चुकी है. इस परियोजना के तहत 6 जिलों के 29 प्रखंडों के 250 से ज्यादा गांवों में कुल 3381.2 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाने वाली है. इस पर करीब 9 हजार 467 करोड़ 40 लाख रुपये का खर्च आने वाला है. जमीन का अधिग्रहण करने में काफी बड़ी राशि का वितरण संबंधित किसानों के बीच होगा. इससे उनके जीवन में समृद्धि की राह प्रशस्त होगी.
बाढ़ प्रभावित 4 जिलों के 15 प्रखंड को होगा लाभ
आपको बता दें कि दरभंगा, सहरसा, समस्तीपुर, मधेपुरा बाढ़ से प्रभावित रहे हैं. इन जिलों के 15 प्रखंडों को बाढ़ की विभिषका से काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है. अब इस एक्सप्रेस-वे के बनने से इन प्रखंडों के गांवों के हजारों लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी. यह एक्सप्रेस-वे गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, दुधौली, दुधौलीधार, कोसी, जिरवा, कोसीधार जैसे प्रमुख नदियों से गुजरने वाला है. इन प्रमुख नदियों पर पुल का निर्माण कार्य होगा. इससे इन इलाकों में बाढ़ से काफी हद बचाव संभव होगा. इसके साथ ही हर मौसम में इस इलाके के लोगों को एक्सप्रेस-वे की सहायता से सड़क मार्ग से संपर्कता मिलेगी. इस तरह से किसानों को अपनी उपज दूसरे शहरों की मंडियों तक लाने में आसानी होगी.
इसके जरिए 11 एनएच और 10 एसएच जुड़ेंगे
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे से राज्य के 11 राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और 10 राज्य राजमार्ग (एसएच) जोड़े जाएंगे. इस तरह से आवागमन को आसान बनाया जा सकेगा. इस एक्सप्रेस-वे को 120 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से वाहन चलाया जा सकता है. इस तरह से कम समय में अधिक दूरी तय की जा सकेगी. इसकी लंबाई 281.95 किमी होगी. यह वैशाली के मीरनगर से आरंभ होकर समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा और मधेपुरा जिलों से गुजरते हुए पूर्णिया के चंद भठ्ठी तक पहुंचने वाली है. छह लेन वाले इस एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 18 हजार 42 करोड़ 14 लाख रुपये तक की गई है. परियोजना के तहत 21 बड़े पुल, 140 छोटे पुल, 11 रेलवे ओवरब्रिज, 21 इंटरचेंज और 322 अंडरपास का निर्माण हो सकेगा.
मात्र तीन घंटे में पटना से पूर्णिया तक का होगा सफर
इस परियोजना के पूरे होने पर पटना से पूर्णिया तक की यात्रा की समय सीमा कम हो जाएगी. वर्तमान समय में यह दूरी 7-8 घंटे की है. इसके साथ समस्तीपुर, सहरसा और मधेपुरा को इस एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए अलग से संपर्क मार्ग का निर्माण किया जाएगा. इससे इन जिलों की कनेक्टिविटी बेहतर हो सकेगी. पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे का निर्माण ग्रीन नेविगेशन पर तय होगा. इसमें पर्यावरणीय संतुलन का भी ख्याल रखा गया है. इस परियोजना से न केवल बिहार में उच्च गुणवत्ता की सड़क निर्माण को मजबूती मिलेगी, बल्कि व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा.
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