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पहले दिन परीक्षा में 500 लड़कियों के बीच अकेले लड़के का हुआ ऐसा हाल, दूसरे दिन आया ही नहीं

1 फरवरी से बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा शुरू हो चुकी है. राज्यभर से परीक्षा को लेकर कई खबरें सामने आई.

Updated on: 02 Feb 2023, 02:12 PM

highlights

500 छात्राओं के बीच एकमात्र छात्र पहुंचा परीक्षा देने

  • नवर्स होकर परीक्षा केंद्र पर हुआ बेहोश
  • दूसरे दिन छात्र नहीं पहुंचा परीक्षा देने
  • एडमिट कार्ड की एक गलती से हुआ ऐसा हाल

Nalanda:

1 फरवरी से बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा शुरू हो चुकी है. राज्यभर से परीक्षा को लेकर कई खबरें सामने आई. वहीं, नालंदा से एक ऐसी खबर आई जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गए. दरअसल, नालंदा में एग्जाम के दौरान परीक्षा हॉल में ही एक छात्र नर्वस होकर बेहोश हो गया. जिसके बाद उसे इलाज के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं अब खबर आ रही है कि नर्वस छात्र दूसरे दिन एग्जाम देने के लिए ही परीक्षा सेंटर पर नहीं पहुंचा. दरअसल, परीक्षार्थी मनीष शंकर अल्लामा इकबाल कॉलेज में पढ़ता है. वहीं से उसने एग्जाम के लिए फॉर्म भरा था. जिसका सेंटर बिहारशरीफ के ब्रिलिएंट कान्वेंट स्कूल में पड़ा लेकिन जब छात्र परीक्षा देने के लिए केंद्र के अंदर पहुंचा तो वहां सिर्फ लड़की परीक्षार्थी ही मौजूद थी.

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500 लड़कियों में एकमात्र छात्र

परीक्षा केंद्र पर करीब 500 लड़कियां थी और उन सब के बीच मनीष एकमात्र लड़का छात्र था. पहले तो वह नर्वस हो गया लेकिन थोड़ी देर बार एग्जाम हॉल में ही बेहोश हो गया. जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. मनीष शंकर के परिजनों का आरोप है कि ऐसे में परीक्षार्थी का नर्वस होना स्वाभाविक है कि सैकड़ों की संख्या में लड़कियां उसके बीच में सिर्फ एक लड़का आखिर कैसे सेंटर में दिया गया.

एडमिट कार्ड में हुई गलती
वहीं एग्जाम के दूसरे दिन मनीष परीक्षा देने के लिए सेंटर पर नहीं पहुंचा. वहीं इस लड़के के साथ गलती यह हुई कि इसके एडमिट कार्ड पर मेल की जगह फीमेल हो गया. जिसकी वजह से इसे लड़कियों का सेंटर में भेजा गया. मनीष शंकर ने भी समय रहते इस गलती पर ध्यान नहीं दिया कि आखिर उसके एडमिट कार्ड में मेल की जगह पर फीमेल कैसे हो गया. आज यही कारण है कि इस छात्र को छात्राओं के बीच परीक्षा देने के लिए विवश होना पड़ा और नर्वस होने से हालत बिगड़ी. जिसकी वजह से बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में उसका इलाज कल चला और बाद में उनके परिजनों के द्वारा उसे निजी क्लीनिक में इलाज करवाने के लिए ले जाया गया.