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महीनेभर भी न टिक सका गोपालगंज में 264 करोड़ की लागत से बना पुल, CM नीतीश ने पिछले महीने किया था उद्घाटन

बिहार के मुख्यमत्री नीतीश कुमार ने गोपालगंज में जिस पुल का उद्घाटन एक महीने पहले किया था, वो एक महीने भी नहीं टिक पाया. पानी के दबाव के चलते देखते ही देखते यह नया पुल ध्वस्त हो गया.

Updated on: 16 Jul 2020, 10:02 AM

गोपालगंज :

बिहार के मुख्यमत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने गोपालगंज में जिस पुल का उद्घाटन एक महीने पहले किया था, वो एक महीने भी नहीं टिक पाया. पानी के दबाव के चलते देखते ही देखते यह नया पुल ध्वस्त हो गया, जिसकी वजह से आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई है. इस पुल के ढह जाने के बाद चंपारण, तिरहुत और सारण समेत कई जिलों से संपर्क भी टूट गया है. इसके निर्माण में करीब 264 करोड की लागत आई थी.

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बता दें कि सत्तरघाट महासेतु का निर्माण कार्य किया गया था. लेकिन इसका एप्रोच रोड गंडक नदी के पानी के दबाव नहीं झेल पाया और देखते ही देखते पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महासेतु का उद्घाटन किया था. इसका एप्रोच रोड गंडक नदी के पानी के दबाव नहीं झेल पाया और देखते ही देखते ध्वस्त हो गया.

गौरतलब है कि गोपालगंज को चंपारण, सारण और तिरहुत के कई जिलों से जोड़ने के लिहाज से सत्तरघाट महासेतु अति महत्वकांक्षी पुल है. गोपालगंज में आज तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था. गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया जिसकी वजह से आवागमन हो गया है. बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में पुल का एप्रोच रोड टूटा है.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस महासेतु के निर्माण की आधारशिला वर्ष 2012 में रखी थी. इसे बनाने में 3 वर्षो का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन भूमि सम्बन्धी मामले और अन्य अड़चनों की वजह से एक लंबा वक्त लगा. बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने इस महासेतु का उद्घाटन किया था.