logo-image

Bihar News: छठ घाट की हालत देख आगबबूला हुए बीजेपी सांसद, अधिकारी से जमकर हुई बहस

बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव भी घाटों का निरिक्षण करने के लिए निकले हुए थे. जगह जगह बड़े बड़े गठ्ठे बने हुए थे. जिसे देख उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.

Updated on: 18 Nov 2023, 01:06 PM

highlights

  • रामकृपाल यादव घाटों का निरिक्षण करने के लिए निकले हुए थे
  • बीजेपी सांसद का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया
  • बीजेपी सांसद ने अधिकारी को फोन घुमा दिया
  • तीन साल पहले किया गया था गढ्ढा

Patna:

लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत कल से ही हो चुकी है. वहीं, सभी छठ घाटों को आकर्षक और सुंदर बनाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी घाटों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. इसी दौरान बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव भी घाटों का निरिक्षण करने के लिए निकले हुए थे. जैसे ही वो शाहपुर घाट के रास्ते पर आय तो वहां जगह जगह बड़े बड़े गठ्ठे बने हुए थे. जिसे देख उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. जिसके बाद उन्होंने अधिकारी को फोन घुमा दिया, लेकिन अधिकारी ने उनकी बातों पर ध्यान ही नहीं दिया. जिसके बाद उनका गुस्सा और बढ़ गया. वो कह रहे हैं कि कैसे अधिकारी हैं जो काम तक नहीं करते और शिकायत करने पर एक्शन तक नहीं लेते.

जमकर तू-तू, मैं-मैं हो गई

सांसद ने आरसीडी विभाग के अधिकारी को फोन किया था, लेकिन उनकी शिकायत को अधिकारी ने ज्यादा महत्व ही नहीं दिया. जिसके बाद दोनों के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हो गई. उन्होंने अधिकारी की क्लास लगा दी. जिसके बाद सांसद ने जिला अधिकारी को फोन लगा दिया और इसकी शिकायत की. इतना ही नहीं महापर्व छठ को देखते हुए सभी गड्ढ़ों को भरने की बात कही है, लेकिन फिर भी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया. 

यह भी पढ़ें : Bihar News: मुंगेर एसपी का बड़ा एक्शन, 27 दारोगा को किया सस्पेंड

तीन साल पहले किया गया था गढ्ढा

आपको बता दें कि, तीन साल पहले पेयजल आपूर्ति को लेकर शाहपुर-दाउदपुर मार्ग पर जगह जगह गड्ढा किया गया था, लेकिन तब से लेकर अब तक ये वैसे का वैसा ही है. छठ घाट पर अर्ध्य देने के लिए हजारों व्रती इसी रास्ते से जाती हैं. ऐसे में जरा सोचिए ये गढ्ढा कितना खतरनाक है. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. हैरानी की बात तो ये है कि कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ घाटों का निरीक्षण किया था और इसको लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए थे, लेकिन फिर भी इस पर किसी की नजर तक नहीं गई ना ही कोई काम किया गया.