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Bihar Politics: BJP ने बिहार में चौधरी को बनाया 'सम्राट', नीतीश कुमार के वोटबैंक में मारेंगे सेंध

2024 चुनाव से पहले बिहार में बीजेपी ने बड़ा दाव खेला है. अब बिहार में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सम्राट चौधरी संभालेंगे.

Updated on: 23 Mar 2023, 04:27 PM

highlights

  • बिहार बीजेपी में सम्राट चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी
  • सम्राट चौधरी बने बिहार बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष
  • बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हैं सम्राट चौधरी

Patna:

2024 चुनाव से पहले बिहार में बीजेपी ने बड़ा दाव खेला है. अब बिहार में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सम्राट चौधरी संभालेंगे. सम्राट को बड़ी जिम्मेदारी सौंपकर बीजेपी महागठबंधन वोटबैंक को साधने की तैयारी में है. 2024 लोकसभा चुनाव के शंखनाद से पहले बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है और इस बार बीजेपी बिहार में अपनी सियासी पकड़ बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इस बार बीजेपी ने सम्राट चौधरी पर अपना दाव खेला है और सम्राट चौधरी को बिहार बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है. सम्राट चौधरी अब संजय जायसवाल की जगह लेंगे. 

सम्राट चौधरी की पहली प्राथमिकता

अपनी नई जिम्मेदारी को लेकर सम्राट चौधरी ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता बीजेपी के कार्यकर्ताओं को सम्मान देना और बिहार में बीजेपी की सरकार बनाना है. पिछले 33 वर्षों में जिस तरीके से नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की सरकार ने जनता के साथ धोखा किया है उसका हिसाब लिया जाएगा.

बीजेपी की रणनीति साफ

सम्राट चौधरी को बीजेपी की कमान सौंपने के पीछे बीजेपी के बड़े दिग्गजों की रणनीति साफ है. क्योंकि सम्राट चौधरी बिहार बीजेपी के बड़े OBC चेहरे के तौर पर माने जाते हैं और बिहार की राजनीति में OBC का दबदबा किसी से नहीं छिपा है. इसके अलावा सम्राट के जरिए बीजेपी नीतीश कुमार के बड़े वोट बैंक कुशवाहा को साधने में लगी है.

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OBC को साधने का विकल्प

बिहार में महागठबंध की MY समीकरण को काटना मुश्किल है. पिछली चुनावों के जरिए बीजेपी को भी MY समीकरण की ताकत समझ आ गई है. MY के अलावा अब बीजेपी के पास सिर्फ OBC को साधने का विकल्प है. लिहाजा सम्राट चौधरी के जरिए कुशवाहा वोटों को साधने पर बीजेपी की नजर है. सम्राट चौधरी की बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले उपेंद्र कुशवाहा पहले ही बीजेपी के पाले में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं और बीजेपी ने पहले ही कुर्मी के नेता आरसीपी सिंह को नीतीश का दुशमन बना दिया है. बिहार में पिछड़ी जातियों में यादव के बाद कोइरी-कुर्मी की आबादी सबसे ज्यादा है. यानी RCP सिंह कुर्मी वोट को काटेंगे और सम्राट चौधरी कुशवाहा वोट बैंक को.

पहले से जताई जा रही थी संभावनाएं 

रणनीति साफ है. बीजेपी, लोहा लोहे को काटता है वाली कहावत को अलम में ला रही है और जिन जातियों के बदौलत नीतीश कुमार सत्ता के शिखर पर हैं, उन्हीं जातियों के नेताओं को चुनावी रण में उतार रही है. सम्राट चौधरी को बीजेपी बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है इसकी संभावनाएं तब से शुरू हो गई थी जब सम्राट को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके अलावा भी बिहार में बीजेपी के तमाम मुद्दे को मुखर होकर सम्राट चौधरी ने हर मंच से उठाने की कोशिश की. फिर चाहे वो मुद्दा सियासी हो या हिंदुत्व का, ऐसे में उनके बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने से बीजेपी में उत्साह है तो वहीं महागठबंधन इस बहाने बीजेपी को आड़े हाथ ले रही है.

बिहार ऐसा राज्य है जहां बीजेपी कभी भी अपने दम पर सत्ता में नहीं आई. ऐसे में आगामी चुनाव बीजेपी के लिए किसी रण से कम नहीं है और इस चुनाव को पार्टी किसी कीमत पर हारना नहीं चाहती. जिसके लिए बीजेपी की जद्दोजहद अभी से दिख रही है. हालांकि ये तमाम रणनीति और दाव किस पार्टी को कितना फायदा पहुंचाते हैं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

रिपोर्ट : आदित्य झा