Bihar Voter List Revision: बिहार में आगामी चुनावों से पहले वोटर लिस्ट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से सामने आई जानकारी में दावा किया गया है कि राज्य की मतदाता सूची में बड़ी संख्या में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के नागरिकों के नाम शामिल हो चुके हैं. इस खुलासे के बाद राज्य की सियासत में गर्मी बढ़ गई है.
विपक्ष पर हमलवावर एनडीए
एनडीए जहां इस मुद्दे पर विपक्ष पर हमलावर है, वहीं महागठबंधन इसे अफवाह करार देकर आयोग से सबूत मांग रहा है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है. उनका कहना है कि बिना किसी ठोस प्रमाण के सिर्फ 'सूत्रों' के हवाले से ऐसी खबरें फैलाना जनता को गुमराह करने जैसा है. उन्होंने सवाल किया कि जब तक यह सिद्ध नहीं होता, तब तक ऐसे मुद्दों पर राजनीति करना गलत है.
भाजपा का क्या है कहना
वहीं बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा और राज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़ दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यदि विदेशी नागरिक अवैध रूप से वोटर बन गए हैं, तो इसका सबसे बड़ा नुकसान देश के वास्तविक नागरिकों को होगा. उन्होंने कहा कि यह न केवल चुनावी प्रक्रिया के साथ धोखा है बल्कि भारतीय मुस्लिमों के अधिकारों पर भी अतिक्रमण है.
इस बीच, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली की सराहना की है. उन्होंने कहा कि यदि आयोग जांच कर रहा है, तो उस पर भरोसा करना चाहिए और बेवजह विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए.
आरजेडी ने सांप्रदायिक तनाव भड़काने का लगाया आरोप
इधर, आरजेडी ने आरोप लगाया है कि बिना वेरिफिकेशन के इस तरह की बातें सांप्रदायिक तनाव भड़काने का काम कर सकती हैं. उन्होंने केंद्र सरकार और आयोग से मांग की है कि इस मुद्दे पर पारदर्शिता रखी जाए और यदि कहीं गड़बड़ी है तो उसका सबूत सार्वजनिक किया जाए.
फिलहाल, घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट में होने का यह मामला बिहार चुनावी माहौल को प्रभावित करता दिख रहा है. अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या आधिकारिक बयान देता है और राजनीतिक दल इस मुद्दे को कितना भुनाते हैं.
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