Bihar: तेजस्वी यादव का दावा गलत साबित, DM ने जारी की आयोग की वोटर लिस्ट, सामने आया तस्वीर सहित नाम
Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बवाल मचा हुआ है. हाल ही में तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है. इसके कुछ ही देर बाद चुनाव आयोग ने लिस्ट जारी कर उनके आरोपों का खंडन कर दिया है.
Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बवाल मचा हुआ है. हाल ही में तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है. इसके कुछ ही देर बाद चुनाव आयोग ने लिस्ट जारी कर उनके आरोपों का खंडन कर दिया है.
Election commission on tejaswi yadav claim Photograph: (social)
Patna: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर फिर से हमला बोला है. उन्होंने वोटर लिस्ट से नाम कटने को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. शनिवार को अपने सरकारी आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया धांधली से भरी हुई है और गरीबों, अल्पसंख्यकों और विपक्षी दलों के समर्थकों के नाम जानबूझकर हटाए गए हैं.
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तेजस्वी ने दावा किया कि वोटर लिस्ट में उनका खुद का नाम भी नहीं है. उन्होंने सवाल किया, 'अगर मेरा नाम ही लिस्ट में नहीं है, तो मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा?' तेजस्वी ने बताया कि उन्होंने SIR के दौरान जरूरी प्रपत्र भी भरे थे, इसके बावजूद उनका नाम गायब कर दिया गया.
चुनाव आयोग ने आरोपों का किया खंडन
हालांकि, चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने उनके आरोपों का खंडन किया है. पटना के डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी त्यागराजन एमएस ने कहा कि तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट में शामिल है. वर्तमान में उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पुस्तकालय भवन, क्रम संख्या 416 पर दर्ज है. पहले उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 171 में था.
तेजस्वी यादव ने उठाए EPIC नंबर बदलने पर सवाल
इसपर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने फिर से चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, 'EPIC नंबर कभी बदलता नहीं, तो मेरा कैसे बदल गया? अगर मेरा EPIC नंबर बदला जा सकता है, तो और कितने लोगों का बदला गया होगा? यह एक बड़ी साजिश है, वोटरों के नाम काटने की.' तेजस्वी ने आगे कहा कि यह सिर्फ उनके खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतंत्र के खिलाफ साजिश है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए.
EC से मांगा स्पष्टीकरण
उन्होंने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा, 'अगर आपने काम ईमानदारी से किया है, तो हमारे 10 सवालों के जवाब दीजिए. 65 लाख लोगों के नाम कैसे काट दिए गए, इसका स्पष्टीकरण देना होगा.'