Bihar Politics: तेजस्वी यादव के एक बयान ने बिहार की सियासत में खलबली मचा दी है. उन्होंने शुक्रवार 10 जनवरी को मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए 'डीके टैक्स' का जिक्र किया जो कि अब चर्चा का विषय बन गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में डीके टैक्स चलता है और इसी के तहत यहां वसूली हो रही है. ऐसे में अब लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह ‘डीके टैक्स’ है क्या?
डीके टैक्स पर इसलिए गरमाई सियासत
तेजस्वी यादव ने ‘डीके टैक्स’ की चर्चा की है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में सरकार पर हमला बोला और कहा कि बिहार में ना तो डीजीपी की चलती है और ना ही मुख्य सचिव की कुछ चल रही है. वो सजा कर रखने वाला पद भी नहीं रह गया. मुख्यमंत्री कहीं जाते हैं तो इनको बुलाते भी नहीं है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार चलाने का काम रिटायर अधिकारी ही चला रहे हैं. बिहार में अभी ‘डीके टैक्स’ चल रहा है. बिहार में वसूली और अधिकारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग हेराफेरी चल रहा है. काबिल और परफॉर्मर अफसरों वो IAS हों या IPS, उनको शंट कर दिया गया है.
क्या है डीके टैक्स?
तेजस्वी यादव ने डीके टैक्स का जिक्र करके लोगों के जहन में एक सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर यह डीके टैक्स क्या बला है. दरअसल, तेजस्वी यादव DK से किस नाम की तरफ इशारा दे रहे हैं ये तो साफ नहीं हो पाया है. लेकिन जिस तरह से बिहार में अधिकारियों के ही ऊपर बोलते हुए तेजस्वी ने इसका जिक्र किया उससे कयास लगाये जा रहे हैं कि किसी बड़े अधिकारी या नेता के नाम की ओर उनका इशारा है.
RCP टैक्स से आया था सियासी उबाल
बता दें कि बाहर की राजनीति में तेजस्वी यादव का ये कोई पहला बयान नहीं है. इससे पहले भी उनके 'आरसीपी टैक्स' के बयान की वजह से सियासी उबाल आ गया था. उन्होंने वर्ष 2017-18 में कहा था 'बिहार में अधिकारी कितनी भी गलती कर ले, मामला कितना भी गंभीर हो, लेकिन उसका कोई बाल बांका नहीं कर सकता, क्योंकि उसने ‘आरसीपी टैक्स’ देने का काम किया है'. तेजस्वी यादव ने अपने इस चर्चित बयान से कथित तौर पर सीधा सीएम नीतीश के करीबी रहे आरसीपी सिंह पर निशाना साधा था. बताया जाता है कि आरसीपी सिंह उस वक्त पूर्व आईएएस अधिकारी रहे थे और नीतीश कुमार के साथ उनकी करीबी किसी से छिपी नहीं थी. हालांकि, बाद में दोनों में अलगाव हुआ और आरसीपी सिंह बीजेपी में शामिल हो गए थे. ऐसे में अब ‘आरसीपी टैक्स’ की जगह ‘डीके टैक्स’ की बात हो रही है तो लोग जानना चाहते हैं कि आखिर इस बार किस ओर तेजस्वी का इशारा है?
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