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क्या 'योगी मॉडल' से खत्म होगा बिहार से माफिया राज, जानें BJP का नया प्लान

बिहार की नीतीश सरकार ने 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत जीतकर विपक्ष को करारा जवाब दिया और बिहार में अपनी सरकार बनाई. इसके साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हालिया पलटवार के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है.

Updated on: 06 Mar 2024, 05:55 PM

highlights

  • 'योगी मॉडल' से खत्म होगा बिहार में माफियाओं का राज
  • विधानसभा में पेश होगा नया कानून
  • बैठक में पांच प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई

Patna:

Bihar Politics News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पलटवार के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है. इस बीच बिहार में अपराध, भ्रष्टाचार, बालू-जमीन-शराब माफिया राज को खत्म करने के लिए बिहार सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है. वहीं बिहार कैबिनेट की बैठक में नए कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही बिहार विधानमंडल के चालू सत्र में इसे विधेयक के रूप में सदन में पेश किया जायेगा. बता दें कि अपराध, भ्रष्टाचार और माफिया पर पूरी तरह से नकेल कसने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. इस कानून को यूपी के गैंगस्टर एक्ट की तरह माना जा रहा है.

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एक्शन मूड में दिखें नीतीश कुमार 

आपको बता दें कि इस कानून में भ्रष्टाचार से जुड़े वे मामले जिन्हें गंभीर अपराध नहीं माना जाता था, उन्हें गंभीर माना जाएगा और उन पर सख्त सजा का प्रावधान होगा. वहीं, सरकारी राशि में गड़बड़ी और गबन करने वालों के लिए भी इस कानून में कड़ी सजा का प्रावधान होगा. बता दें कि बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार एक्शन के मूड में हैं और अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई समझौता करने के मूड में नहीं हैं.

बैठक में पांच प्रस्तावों पर लगी मोहर 

इसके साथ ही आपको बता दें कि मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक हुई. इस बैठक में भ्रष्टाचार और माफिया राज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए लाए जाने वाले कानून के मसौदे को मंजूरी दी गई. वहीं बैठक में कुल पांच प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है. बता दें कि बिहार में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पहले से ही तीन एजेंसियां ​​काम कर रही हैं, इनमें आर्थिक अपराध इकाई, निगरानी ब्यूरो और विशेष निगरानी इकाई शामिल हैं. बता दें कि इन तीनों एजेंसियों के पास पहले से ही काफी शक्तियां हैं. वहीं सरकार इन जांच एजेंसियों की शक्तियों को और बढ़ा सकती है.