आनंद मोहन ने RJD को क्यों कहा 'ससुराल' की पार्टी? जानिए

आनंद मोहन ने कहा कि, ''आरजेडी 'माय-बाप' नहीं बल्कि 'ससुराल' की पार्टी है. पहले ससुराल मतलब साधु, सुभाष, राबड़ी और लालू अब वाली ससुराल का मतलब संजय, सुनील, राजेश्वरी और लफुअन. आज भी ससुराल की पार्टी है.''

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Ritu Sharma
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Bihar Politics News

आनंद मोहन( Photo Credit : Newsstate Bihar Jharkhand)

Bihar Politics News: बिहार में बाहुबली नेता सह पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार (22 फरवरी) की शाम मोहिउद्दीननगर के रसपुर पतसिया में आयोजित पृथ्वीराज चौहान की जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने तेजस्वी यादव की जन विश्वास यात्रा में आरजेडी को माय नहीं बल्कि बाप  की पार्टी बताने वाले बयान पर तंज कसते हुए जमकर हमला बोला. आनंद मोहन ने कहा कि, ''आरजेडी 'माय-बाप' नहीं बल्कि 'ससुराल' की पार्टी है. पहले ससुराल मतलब साधु, सुभाष, राबड़ी और लालू अब वाली ससुराल का मतलब संजय, सुनील, राजेश्वरी और लफुअन. आज भी ससुराल की पार्टी है.''

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आपको बता दें कि आनंद मोहन यहीं नहीं रुके बल्कि ठाकुर का कुंआ वाले बयान पर आगे कहा कि, ''ठाकुर के कुएं ने सरकार भी गिराई, शपथ ग्रहण भी डुबाया.'' आगे उन्होंने कहा कि, ''वह किसी चपरासी के बेटे का ऋण नहीं खाए हैं, कर्ज नहीं खाए हैं. कोई दो सीट दिया तो 200 सीटों पर हमारा समर्थन पाया. अगर आनंद मोहन का समर्थन नहीं था, अगर राजपूतों ने समर्थन नहीं दिया, तो राजपूत बहुल इलाका औरंगाबाद में छह की छह सीट महागठबंधन कैसे जीत गई? कैमूर में चार की चार, सासाराम में छह, शिवहर में दो सीट कैसे जीती?'' अब आनंद मोहन के इस बयान को लेकर बिहार के सियासी गलियारों में हलचल मच गई है.

'छह में से पांच सीट क्यों हार गए?' - आनंद मोहन

आपको बता दें कि कार्यक्रम में आगे आनंद मोहन सिंह ने कहा कि, ''हारी कहां? जहां कहते हैं, रोम पोप का और सहरसा, मधेपुरा गोप का. वहां 13 में 10 सीट क्यों हार गई, जब आपका समीकरण इतना ही मजबूत था? माय समीकरण का सबसे मजबूत जिला है, किशनगंज जहां 6 में 5 सीट क्यों हार गए?''

'चेतन डंके की चोट पर सत्ता पक्ष में बैठा' - आनंद मोहन 

वहीं आपको बता दें कि अपने बेटे को लेकर आनंद मोहन ने आगे कहा कि, ''चेतन आनंद टिकट के लिए कहीं आवेदन देने नहीं गया. अपने गिरेबान में झांकें कि किसने जेल में आकर संपर्क किया और कहा हम अछूत नहीं हैं. हम पर यकीन कीजिए.'' वहीं चेतन आनंद के विधानसभा में पाला बदलने की बात पर आगे उन्होंने कहा कि, ''उसने पाला नहीं बदला. वह डंके की चोट पर विपक्ष को छोड़ सत्ता पक्ष में मजबूती से जाकर बैठ गया. जो हिसाब करना था वह हिसाब हो गया.'' आनंद मोहन ने आगे कहा कि, ''वह भौंकने वालों को जवाब नहीं देंगे. वक्त आने पर जुबान खोलेंगे तो सभी नंगे हो जाएंगे.''

'बिना सिया के राम नहीं...' - आनंद मोहन 

इसके साथ ही आपको बता दें कि आगे बीजेपी पर हमला करते हुए आनंद मोहन ने कहा कि, ''हम मिथिलांचल के लोग हैं. हम जय श्री राम वाले लोग नहीं हैं. हम दशरथ जी का कर्जा नहीं धारे हैं और ना ही अयोध्या का कर्जा धारे हैं. अयोध्या के लोग जय श्री राम का नारा लगाएं तो चलेगा, बीजेपी वालों ने तो जय श्री राम को पेटेंट कर लिया है. हम लोग उनमें से नहीं हैं. जैसे गौरी के बिना शिव नहीं, राधा के बिना कृष्ण नहीं, लक्ष्मी के बिना विष्णु नहीं, बिना लवली के आनंद नहीं वैसे ही बिना सिया के राम नहीं.''

साथ ही आगे आनंद मोहन ने कहा कि, ''अयोध्या में राम मंदिर बना था तो हम लोगों ने भी चंदा भेजा था. अक्षत और गीता भी भेजा था. वहां अकेले रामचंद्र जी की ही मूर्ति क्यों लगी? सीता की मूर्ति क्यों नहीं लगी?'' साथ ही कहा कि, ''वह तब तक अयोध्या नहीं जाएंगे, जब तक कन्हौरा धाम और सीतामढ़ी में मां सीता का भव्य मंदिर नहीं बन जाता.''

HIGHLIGHTS

  • आनंद मोहन ने RJD पर ली चुटकी
  • कहा- 'ससुराल' की पार्टी बताकर गजब मतलब समझाया'
  • 'बिना सिया के राम नहीं...' - आनंद मोहन 

Source : News State Bihar Jharkhand

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