logo-image

जीतन राम मांझी ने किया एक और डिमांड, क्या मोदी-नीतीश करेंगे इसे पूरा? जानें

बिहार की सियासी बयानबाजी के बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर कहा कि, ''महिलाओं को हर क्षेत्र में 50 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए. नारियों की शिक्षा में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए.''

Updated on: 12 Mar 2024, 08:12 PM

highlights

  • जीतन राम मांझी ने किया एक और डिमांड 
  • जानें, क्या मोदी-नीतीश करेंगे इसे पूरा
  • JDU- 'नीतीश सुशासन और राजद कुशासन का प्रतीक' 

Patna:

Bihar Politics News: बिहार की सियासी बयानबाजी के बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर कहा कि, ''महिलाओं को हर क्षेत्र में 50 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए. नारियों की शिक्षा में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए.'' इसके अलावा उन्होंने दहेज मुक्त विवाह का आह्वान करते हुए महिला सेल से आगे आकर सामुदायिक विवाह आयोजित करने की अपील की. वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि, ''प्रकृति को संतुलित रखने के लिए महिलाओं का सम्मान करना चाहिए.'' कार्यक्रम की अध्यक्षता गीता पासवान ने की, जबकि संचालन महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष सुनीता अशोक ने किया. मौके पर विधायक डॉ. अनिल कुमार समेत राजेश्वर मांझी, श्याम सुंदर शरण, गिरधारी सिंह समेत कई नेता मौजूद थे.

यह भी पढ़ें : 'दीदी कौन होती हैं CAA कानून लागू करने से रोकने वाली' - अश्विनी चौबे का पलटवार

'नीतीश सुशासन और राजद कुशासन का प्रतीक' - राजीव रंजन

आपको बता दें कि इसको लेकर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने मंगलवार को कहा कि, ''तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद झूठ बोलने का कीर्तिमान बना रहा पर जनता यह भूलने वाली नहीं है कि नीतीश कुमार के आने से पहले बिहार में कैसी अंधेरगर्दी थी. नीतीश कुमार बिहार में सुशासन और राजद कुशासन का प्रतीक है.''

वहीं राजीव रंजन ने आगे कहा कि, ''राजद के राज में जहां विकास एक मजाक था, वहीं आज नीतीश राज में बिहार की विकास दर 10.64 प्रतिशत है जो देश की विकास दर से भी अधिक है. बिहार आज देश में तेजी से बढ़ने वाले राज्यों में तीसरे नंबर पर है. आज बिहार का बजट राजद काल के मुकाबले दस गुना अधिक हो चुका है.''

आपको बता दें कि आगे जदयू प्रवक्ता ने कहा कि, ''बिहार के आमलोगों का जीवन सुधर रहा है. पिछले 16 साल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार ने 11 गुना और शिक्षा के क्षेत्र में अपने खर्च को आठ गुना बढ़ाया है. परिवारवादी शासन में ऐसा सोचना भी मुमकिन नहीं था.'' अब जेडीयू प्रवक्ता के इस बयान से विपक्ष में हलचल मच सकती है.