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चाचा की नाराजगी के बीच सांसद प्रिंस राज का बड़ा बयान, कहा- 'हमारी पार्टी LJPR...'

बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले बढ़ती सियासी बयानबाजीयों के बीच अब एनडीए में सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है. अब सिर्फ ऐलान होना बाकी है. बुधवार (13 मार्च) को जमुई सांसद चिराग पासवान ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी.

Updated on: 14 Mar 2024, 01:46 PM

highlights

  • पशुपति पारस की नाराजगी की खबरों के बीच आई बड़ी खबर 
  • सांसद प्रिंस राज ने अपने एक्स पर पोस्ट कर किया सब क्लियर
  • लोकसभा चुनाव 2024  से पहले हो सकता है बड़ा फेरबदल 

 

Patna:

Lok Sabha Elections 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले बढ़ती सियासी बयानबाजीयों के बीच अब एनडीए में सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है. अब सिर्फ ऐलान होना बाकी है. बुधवार (13 मार्च) को जमुई सांसद चिराग पासवान ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. इसके बाद खबर आई कि बीजेपी ने चिराग को पांच सीटें ऑफर की हैं. इसी चर्चा के बीच पशुपति पारस की नाराजगी की खबरें तेज होने लगी. वहीं पशुपति पारस ने पिछले बुधवार को दिल्ली स्थित अपने आवास पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी, अब उनके भतीजे और सांसद प्रिंस राज का बड़ा बयान आ गया है.

आपको बता दें कि गुरुवार (14 मार्च) को प्रिंस राज ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल से पोस्ट करते हुए साफ कहा है कि, ''हमारी पार्टी रालोजपा, एनडीए का अभिन्न अंग है.'' अब नाराजगी को लेकर उनके इस बयान से काफी कुछ साफ होता नजर आ रहा है. बता दें कि प्रिंस राज ने आगे लिखा है कि, ''हमारी पार्टी रालोजपा, एनडीए का अभिन्न अंग है. माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी देश के साथ-साथ हमारे भी नेता हैं और उनका निर्णय हमारे लिए सर्वोपरि है.'' बता दें कि प्रिंस राज ने अपने इस पोस्ट में अमित शाह, जेपी नड्डा, सम्राट चौधरी, विनोद तावड़े को भी टैग किया है.

प्रिंस राज बन सकते हैं मंत्री

आपको बता दें कि प्रिंस राज पशुपति पारस के भतीजे हैं और समस्तीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, खबर है कि प्रिंस राज को बिहार कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं बीजेपी ने पशुपति पारस को राज्यसभा भेजने का ऑफर दिया है. अब ऐसे में देखना होगा कि पशुपति पारस किन शर्तों पर बीजेपी से सहमत होते हैं. इसके अलावा जिस तरह से हाजीपुर लोकसभा सीट पर चाचा-भतीजे के बीच लड़ाई हो रही थी, उसे देखते हुए पशुपति पारस के लिए इतनी जल्दी सहमत होना इतना आसान नहीं है.

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