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सांकेतिक तस्वीर Photograph: (Social)
Bihar: बिहार सरकार राज्य में उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रही है. हाल ही में पटना, सीवान, बेगूसराय, सहरसा और मधेपुरा में इंडस्ट्रियल हब विकसित करने की घोषणा की गई है. इन जिलों के चयन के पीछे की बड़ी वजह यहां बन रहा मजबूत सड़क नेटवर्क है, जिससे निवेशकों और उद्योगपतियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
पटना-बख्तियारपुर में 500 एकड़ जमीन
पटना जिले के बख्तियारपुर में इंडस्ट्रियल हब के लिए 500 एकड़ जमीन पर 219 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. यहां बने ग्रीनफील्ड फोरलेन हाईवे ने पटना से मोकामा की दूरी को बेहद आसान बना दिया है. पहले जहां यह सफर ढाई से तीन घंटे में पूरा होता था, अब मात्र एक घंटे में संभव है. इस हाईवे से बेगूसराय, मुंगेर, जमुई और खगड़िया सहित कई जिलों को लाभ होगा.
सीवान में मैरवा इंडस्ट्रियल हब
सीवान जिले के मैरवा में 167.34 एकड़ जमीन पर 113.92 करोड़ रुपये से इंडस्ट्रियल हब विकसित किया जाएगा. भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे रामजानकी पथ के फोरलेन विस्तार से अयोध्या और सीतामढ़ी के बीच की दूरी कम होगी और उत्तर बिहार की सड़क व्यवस्था मजबूत होगी. नवंबर 2026 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है.
बेगूसराय से गुजरेगा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे
बेगूसराय के कुसमौत में 991 एकड़ जमीन पर 351.59 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. यहां से होकर रक्सौल-हल्दिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे गुजरेगा, जो बिहार को सीधे पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट से जोड़ेगा. 585 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का 407 किलोमीटर हिस्सा बिहार से होकर जाएगा.
सहरसा में 420 एकड़ पर इंडस्ट्रियल पार्क
सहरसा के वनगांव में 420.62 एकड़ भूमि पर 88.01 करोड़ रुपये की लागत से इंडस्ट्रियल हब विकसित किया जाएगा. यहां बन रही मानसी-हरदी चौधारा सड़क से कोसी दियारा और फरकिया जैसे पिछड़े क्षेत्रों को आधुनिक सड़क सुविधा मिलेगी. यह सड़क जून 2027 तक पूरी करने का लक्ष्य है.
मधेपुरा में ग्वालपाड़ा इंडस्ट्रियल हब
मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा में 276.52 एकड़ भूमि पर 41.26 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. यहां से गुजरने वाला NH-31 अब दो लेन से फोरलेन में बदल रहा है. इसके बन जाने पर बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर और पूर्णिया सहित आठ जिलों के लोगों को तेज और सुरक्षित यात्रा सुविधा मिलेगी.
विकास की नई दिशा
बिहार सरकार की इस योजना से साफ है कि इंडस्ट्रियल पार्क राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के किनारे बसाए जा रहे हैं. मजबूत कनेक्टिविटी के चलते निवेशकों की पहुंच आसान होगी और इन जिलों का औद्योगिक विकास तेजी से होगा.
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