Pappu Yadav On Sanjay Yadav: लालू प्रसाद यादव जी का सम्मान केवल उनके राजनीतिक योगदान की वजह से नहीं, बल्कि गरीबों और वंचित समाज के प्रति उनके संघर्षों की वजह से भी बहुत ऊंचा माना जाता है.
Pappu Yadav On Sanjay Yadav: बिहार में RJD की हार के बाद से लालू प्रसाद यादव के कुनबे में कलह मची हुई है. इस बीच पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव का गुस्सा तेजस्वी यादव के सलाहाकार राजद सांसद संजय यादव पर फूट पड़ा है. उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं ने समाज पर गहरा प्रभाव डाला है. लालू प्रसाद यादव जी का सम्मान केवल उनके राजनीतिक योगदान की वजह से नहीं, बल्कि गरीबों और वंचित समाज के प्रति उनके संघर्षों की वजह से भी बहुत ऊंचा माना जाता है. जब किसी ऐसे व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचती है, जिन्हें आम जनता अपना नेता और संरक्षणकर्ता मानती है, तो इसका असर सिर्फ परिवार तक सीमित नहीं रहता बल्कि पूरे बिहार के सामाजिक परिवेश पर दिखाई देता है.
सभी इस घटना से हैं आहत- पप्पू यादव
पप्पू यादव ने आगे कहा कि यह मामला लालू परिवार तक सीमित नहीं है. जो लोग लालू यादव जी का सम्मान करते हैं, जो उनके राजनीतिक और सामाजिक मूल्यों पर विश्वास रखते हैं, वे सभी इस घटनाक्रम से प्रभावित और आहत महसूस कर रहे हैं. समाज की प्रतिक्रिया यह संकेत देती है कि ऐसे लोगों, जिन्हें वक्ता ने ‘जयचंद’ कहा है, के लिए जनता और संगठन दोनों में अब कोई जगह नहीं रहनी चाहिए.
रोहिणी का भी किया जिक्र
जिन व्यक्तियों का नाम रोहिणी जी ने लिया है, वे पहले भी राजद परिवार के भीतर कई गलत फैसलों को प्रभावित करने या करवाने में शामिल रहे हैं. इस विषय पर तेजस्वी यादव जी और तेज प्रताप यादव जी भी कई बार अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं. यदि ऐसे लोगों को टीम में रखा भी जाए, तो उन्हें केवल राजनीतिक कार्यों तक सीमित रखना चाहिए. परिवार के निर्णयों और निजी मामलों में उनकी कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए.
त्वरित कार्रवाई की है जरूरत
राजद के कार्यकर्ता लगातार इस मुद्दे पर सवाल उठा रहे हैं. उनका मानना है कि संगठन और परिवार दोनों का सम्मान सर्वोपरि है. ऐसे में जो लोग कार्यकर्ताओं या परिवार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाते हैं, उन्हें बिना देर किए संगठन से बाहर किया जाना चाहिए. यह बात स्पष्ट है कि उन्हें एक मिनट भी इस पद या स्थान पर बने रहने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए. यदि नेतृत्व द्वारा समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो जनता और राजद के समर्पित कार्यकर्ता स्वयं ऐसे लोगों को बाहर करने का दबाव बना देंगे. इसलिए संगठन और परिवार की गरिमा बनाए रखने के लिए त्वरित और सख्त कार्रवाई आवश्यक है.
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